MP: जबलपुर में बना देश का तीसरा लॉन्ग प्रूफ फायरिंग रेंज, घनुष-सारंग जैसे हथियारों की होगी टेस्टिंग
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MP: जबलपुर में बना देश का तीसरा लॉन्ग प्रूफ फायरिंग रेंज, घनुष-सारंग जैसे हथियारों की होगी टेस्टिंग

इससे पहले ओडिशा के बालासोर और इटारसी में ही एलपीआर स्थातिप थे. अब जबलपुर में भी एलपीआर स्थातिप हो गया है. आर्मी के डीजी क्वालिटी एश्योरेंस संजय चैहान की मौजूदगी में जबलपुर एलपीआर पर धनुष तोप और सारंग गन की सफल फायर टेस्टिंग संपन्न हुई.

जबलपुर लॉन्ग प्रूफ रेंज में सारंग गन की टेस्ट फायरिंग.

कर्ण मिश्र/जबलपुर: देश के इतिहास में जबलपुर शहर के नाम आज एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई. जबलपुर के खमरिया में भारत का तीसरा टेस्ट फायर रेंज (लॉन्ग प्रूफ रेंज, LPR) स्थापित हो गया है. अब इस फायरिंग रेंज में 155 एमएम बैरल वाले बड़े हथियारों की टेस्टिंग की जा सकेगी. सारंग आर्टिलरी गन और धनुष तोप की जबलपुर फायरिंग रेंज पर सफल टेस्टिंग आज पूरी कर लगी गई. 

पहले सिर्फ ओडिशा और इटारसी में ही था एलपीआर
इससे पहले ओडिशा के बालासोर और इटारसी में ही एलपीआर स्थातिप थे. अब जबलपुर में भी एलपीआर स्थातिप हो गया है. आर्मी के डीजी क्वालिटी एश्योरेंस संजय चैहान की मौजूदगी में जबलपुर एलपीआर पर धनुष तोप और सारंग गन की सफल फायर टेस्टिंग संपन्न हुई. 

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धनुष तोप और सारंग गन का हो सकेगा फायरिंग टेस्ट
आपको बता दें कि घनुष तोप और सारंग आर्टिलरी गन का निर्माण भी जबलपुर स्थित आयुध कारखाने (Ordinance Factory) में ही होता है. 155 एमएम कैलिबर वाली सारंग गन और धनुष तोप को 'गन कैरिज फैक्ट्री' में अपग्रेड किया गया है. 'मेक इन इंडिया' के तहत सारंग और धनुष को पूर्णत: स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है. ये दोनों ही हथियार अत्याधुनिक तकनीक से युक्त हैं. अभी तक सारंग रशिया मेड गन थी. 

जबलपुर आयुध कारखाने में धनुष-सारंग का अपग्रेडेशन
पहले सारंग गन का बैरल 130 एमएम का था और मारक क्षमता 27 किलोमीटर हुआ करती थी. अपग्रेडेशन के दौरान सारंग के बैरल को 25 एमएम बढ़ाकर 155 एमएम कर दिया गया है. अब इसकी मारक क्षमता भी 27 किमी से बढ़कर 39 किमी हो गई है. वहीं धनुष तोप, बोफोर्स का अपग्रेडेड वर्जन है. इसकी मारक क्षमता 40 किमी हो गई है. अपग्रेडेशन के बाद अब धनुष तोप से रात के वक्त भी फायरिंग की जा सकती है. 

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