विदिशा में कुछ संगठन 8 से 10 चिताओं को एडवांस में ही सजा कर तैयार कर रहे है.
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विदिशा: पूरे देश की तरह मध्यप्रदेश में भी कोरोना रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है. हर जगह संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. कई श्मशान घाट पर तो लकड़ियां भी खत्म हो गई, जिसके बाद अब हालात यह हो गए है कि विदिशा में कुछ संगठन 8 से 10 चिताओं को एडवांस में ही सजा कर तैयार कर रहे है.
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दरअसल, इस संगठन के पहले से चिताओं को तैयार करने की कहानी काफी भावुक कर देने वाली है. संगठन के कार्यकर्ताओं ने कुछ दिन पहले एक लड़के को मां की चिता तैयार करने के लिए रोते-बिलखते देखा था. वो लड़का अकेला लकड़ियां लाकर चिता सजा रहा था.
बेबस बेटा मां की चिता तैयार कर रहा था
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक कि कुछ दिन पहले एक महिला का शव बाईपास से सटे बेतवा के भौर घाट पर स्थित श्मशान घाट पहुंचा. उनके पति और बेटा अंतिम विदाई देने पहुंचे. इस दौरान बेटा अकेले ही रोते-बिलखते हुए लकड़ी और कंडे बटोर रहा था, ताकि मां की चिता तैयार की जा सके. इस पूरे घटनाक्रम को संजय प्रजापति, कुलदीप शर्मा, सुरेंद्र कुशवाह देख रहे थे. उन्होंने तय किया कि अब से रोज शमशान घाट आकर कोरोना संक्रमितों के शवों के दाह संस्कार में मदद करेंगे.
विधि विधान से करा रहें क्रियाक्रर्म
कोरोना गाइड लाइन के अनुसार कोरोना मरीज की मौत के वक्त एक ही व्यक्ति दाह संस्कार के लिए आता है. इस परिस्थिति में संगठन के युवा कंडे-लकड़ी, चाय और नाश्ता भी पहुंचा रहे है. संजय प्रजापति ने बताया कि कई शवों की अस्थियां लेने कोई नहीं आया और संस्कार अधूरे रह गए हैं. उन्हें इकट्ठा कर कोविड संक्रमण खत्म होने के बाद विधि विधान से क्रियाकर्म कराएंगे.
रोज 8 से 10 शव पहुंच रहे
कोरोना की वजह से मरने वाल रोज 8-10 कोविड संक्रमित शव पहुंच रहे हैं. हालांकि कोरोना संक्रमण के मामले में प्रदेश 13वें से 14वें स्थान पर खिसक गया है. प्रदेश में कोरोना के एक्टिव प्रकरणों की संख्या घटकर 90796 हो गई है. नए प्रकरणों की तुलना में रिकवरी बढ़ी है.
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