सरकारी डॉक्टर दिन में दो बार इस कोविड केयर में विजिट करने आते हैं और मरीजों को जरूरी दवाएं भी विभाग की तरफ से ही दी जाती हैं.
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बालाघाटः कोरोना महामारी के इस दौर में जब सरकारी व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं. ऐसे में बालाघाट जिले के एक गांव के लोगों ने नजीर पेश करते हुए खुद ही कोविड केयर सेंटर खोल लिया है. बता दें कि इस कोविड केयर सेंटर में इलाज कराकर अब तक 105 लोग ठीक हो चुके हैं और गांव के लोगों को इलाज के लिए दर-दर भटकने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है.
बेटी को इलाज नहीं मिला तो उठाया ये कदम
बता दें कि बालाघाट जिले के पांढरवानी लालबर्रा गांव में बीते दिनों एक बेटी कोरोना संक्रमित हो गई. इस दौरान उसे जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन ग्रामीणों के अनुसार, उसे वहां ठीक से इलाज नहीं मिला. बेटी तो ठीक हो गई लेकिन इसके बाद गांव वालों ने खुद ही कोविड केयर सेंटर खोलने की ठान ली.
सीएमएचओ से ली इजाजत
गांव वालों से सबसे पहले गांव में कोविड केयर सेंटर खोलने के लिए बालाघाट के सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडेय से इजाजत ली. जब सीएमएचओ ने इजाजत दे दी तो गांव के लोगों ने गांव के कॉलेज में स्थित बालिका छात्रावास में 30 बेड का कोविड केयर सेंटर बना दिया. पूरे गांव से चंदा इकट्ठा कर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें खरीदीं गई. साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर्स की भी व्यवस्था की गई.
सरकारी डॉक्टर करतें है विजिट
गांव के इस कोविड केयर सेंटर में मरीजों के लिए सारी व्यवस्थाएं करने के साथ ही डॉक्टरों की भी व्यवस्था की गई है. दरअसल सरकारी डॉक्टर दिन में दो बार इस कोविड केयर में विजिट करने आते हैं और मरीजों को जरूरी दवाएं भी विभाग की तरफ से ही दी जाती हैं. इस कोविड केयर सेंटर के खुलने के बाद से गांव के लोगों को अब इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है और गांव में ही उन्हें बेहतर इलाज मिल रहा है. यहां मरीजों के खाने की भी व्यवस्था है. इस सेंटर से इलाज कराकर अब तक 105 मरीज ठीक हो चुके हैं. इतना ही नहीं अभी तक यहां किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं आई है. अभी भी कोविड सेंटर में 24 मरीजों का इलाज चल रहा है.
सैलरी पर रखे सफाई कर्मचारी और सहायक
गांव वालों ने कोविड सेंटर में सभी सुविधाओं का इंतजाम किया है. साथ ही सफाई कर्मचारी और सहायक को भी तैनात किया गया है, जिन्हें गांव वालों द्वारा जुटाए गए फंड से सैलरी दी जाती है. दैनिक जागरण की एक खबर के अनुसार, बीते 13 दिन में अभी तक इस कोविड सेंटर पर 8 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं. वहीं अधिकारी भी गांव वालों की इस पहल की तारीफ कर रहे हैं और उनका कहना है कि आपदा के इस समय में जनसहयोग मिलना सराहनीय है.