शानदार उपलब्धिः जहां ईंट-पत्थर ढोने का काम किया, अब वहीं मुख्य अतिथि बनेंगी भूरी बाई
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शानदार उपलब्धिः जहां ईंट-पत्थर ढोने का काम किया, अब वहीं मुख्य अतिथि बनेंगी भूरी बाई

भूरी बाई ने बताया कि यह उनके लिए गौरवान्वित करने करने वाला क्षण है. उनको विश्वास नहीं हो रहा है कि जिस स्थान की वजह से वह इस मुकाम तक पहुंची हैं, वहीं पर उन्हें मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया है.

पद्मश्री भूरी बाई.

भोपालः राजधानी भोपाल स्थित भारत भवन केन्द्र का 39वां स्थापना दिवस समारोह 13 फरवरी को आयोजित किया जाएगा. इस बार का स्थापना दिवस समारोह बेहद खास है. इसकी वजह है कि इस बार स्थापना दिवस कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित भील चित्रकार भूरी बाई को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है. 

भारत भवन के निर्माण के वक्त की थी मजदूरी
भूरी बाई ने बताया कि यह उनके लिए गौरवान्वित करने करने वाला क्षण है. उनको विश्वास नहीं हो रहा है कि जिस स्थान की वजह से वह इस मुकाम तक पहुंची हैं, वहीं पर उन्हें मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया है. 

बता दें कि 40 साल पहले भोपाल में बहुकला केन्द्र भारत भवन के निर्माण के वक्त भूरी बाई ने यहां मजदूरी की थी और ईंट-पत्थर ढोए थे. मध्य प्रदेश के जिले झाबुआ के एक छोटे से गांव में रहने वाली भूरी बाई मजदूरी के लिए भोपाल आईं थी लेकिन भारत भवन में मजदूरी करते-करते भारत भवन के संस्थापक सदस्य जे. स्वामीनाथन ने उनकी प्रतिभा को पहचान लिया और उसके बाद से भूरी बाई की चित्रकारी की यात्रा शुरू हो गई, जो अब तक जारी है. 

भील चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध भूरी बाई को बीते दिनों पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है. भूरी बाई के अलावा मध्य प्रदेश के कपिल तिवारी को भी पद्मश्री अवार्ड के लिए चुना गया है. कपिल तिवारी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं. 

भारत भवन का स्थापना दिवस समारोह आमतौर पर 10 दिनों तक चलता है लेकिन इस बार कोरोना के चलते इसे छोटा कर 4 दिन का कर दिया गया है. समारोह के दौरान बहिरंग, नाटक, कविता पाठ, फिल्म आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. 

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर भूरी बाई की तारीफ की है. सीएम ने लिखा कि "पद्मश्री बहन भूरी बाई के कठिन परिश्रम के साथ उनकी रचनात्मकता का भी यह सम्मान है. यह कला के प्रति आपका समर्पण ही है, जो आपने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी कला व रचनात्मकता को मिटने नहीं दिया. आप मध्य प्रदेश का गौरव हैं. आपका यह समर्पण और प्रयास अभिनंदनीय है. प्रणाम, शुभकामनाएं". 

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