'पत्नियों से लड़कर आते हैं सतपुड़ा-वल्लभ भवन के अफसर, कब्ज के शिकार, उन्हें क्रिमाफिन+ सीरप दें'
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'पत्नियों से लड़कर आते हैं सतपुड़ा-वल्लभ भवन के अफसर, कब्ज के शिकार, उन्हें क्रिमाफिन+ सीरप दें'

सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज अपने अजीबो-गरीब कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहता है. अब बीएमसी के चिकित्सा शिक्षक संघ अध्यक्ष ने एक नया मामला छेड़ दिया है.

'पत्नियों से लड़कर आते हैं सतपुड़ा-वल्लभ भवन के अफसर, कब्ज के शिकार, उन्हें क्रिमाफिन+ सीरप दें'

अतुल अग्रवाल/सागर: सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज अपने अजीबो-गरीब कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहता है. अब बीएमसी के चिकित्सा शिक्षक संघ अध्यक्ष ने एक नया मामला छेड़ दिया है. वल्लभ भवन एवं सतपुड़ा भवन के अधिकारियों को कब्जीयत की दवा मुहैया कराने तथा मनोचिकित्सक से उनका इलाज कराने की प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने मांग की है. 

बीएमसी के चिकित्सा शिक्षा संघ के अध्यक्ष डॉ. सर्वेश जैन और सचिव डॉ. शैलेन्द्र पटेल के हस्ताक्षर से पत्र जारी किया है. इस पत्र के जरिए तंज कसा गया है कि वल्लभ भवन एवं सतपुड़ा भवन के अफसर पत्नियों से लड़कर आते हैं और उनको कब्जीयत रहती है, जिसकी वजह से वे पूरा दिन अतार्किक निर्णय लेते हैं. ऐसा ही एक निर्णय तत्कालीन एडीशनल चीफ सेक्रेटरी ने लिया था, जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग को सातवां वेतनमान 2018 से दिया गया था, जबकि मप्र शासन के शेष विभागों को जनवरी 2016 से दिया गया था.

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जानकारी मिलने पर चिकित्सा शिक्षक मिलने गए तो पूर्ववर्ती एसीएस बोले डॉक्टर साहब सस्पेंड नहीं करूंगा, सीधा मेडिकल रजिस्ट्रेशन कैंसिल करूंगा, प्रैक्टिस करने लायक नहीं छोड़ूगा. पूर्ववर्ती एसीएस द्वारा डॉक्टरों की गई इस बातचीत पर लिखे गए पत्र में प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन से पत्र के अंत में निवेदन किया गया है कि ऐसे अधिकारियों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग कराएं. उन्हें क्रेमाफिन प्लस सीरप दें. जब तक व्यवस्था नहीं होती तब तक समस्त चिकित्सा शिक्षक उनके ई-मेल एवं व्हाट्सएप पर मोटीवेशनल वीडियो एवं ऑफिस के एड्रेस पर क्रेमाफिन प्लस सीरप भेंजे. साथ ही पत्र के अंत में एक विशेष लाइन डाली गई जिसमें व्यंग्यात्मक तरीके से लिखा गया है कि जिनको क्रेमाफिन सीरप नहीं मिल रहा है उनके लिए डुफालेक सीरप या पेट सफा चूर्ण भिजवाने की अनुमति दें. ऐसा पत्र बीएमसी के डॉ. सर्वेश जैन ने भेजा है.

इस तरह के पत्र लिखकर एक बार फिर बीएमसी चर्चाओं में आ गया है. हालांकि यह पत्र शिकायत से अधिक व्यंग्यात्मक लग रहा है, लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रोफेसरों द्वारा लिखा गया यह पत्र कहीं न कहीं बल्लभ भवन तथा सतपुड़ा भवन में बैठे अधिकारियों के प्रति रोष भी प्रकट कर उन्हें चेताने का प्रयास भी लग रहा है.

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