दमोह उपचुनावः लोधी नहीं इस जाति का वोट बैंक कर सकता है खेल, वोटर्स को लुभाने बीजेपी-कांग्रेस ने बनाया ये प्लान
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दमोह उपचुनावः लोधी नहीं इस जाति का वोट बैंक कर सकता है खेल, वोटर्स को लुभाने बीजेपी-कांग्रेस ने बनाया ये प्लान

दमोह विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की नजर एक खास जाति के वोट बैंक पर टिकी हुई हैं. 

फाइल फोटो

भोपालः दमोह विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के नामांकन के बाद बीजेपी और कांग्रेस दमोह के सियासी समीकरणों को साधने में जुटी हैं, बुंदेलखंड अंचल की सीट होने की वजह से दमोह विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण बेहद अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में दोनों पार्टियां जातिगत समीकरणों को साधने में लग गई हैं. 

ब्राह्मण वोट बैंक पर बीजेपी-कांग्रेस की नजर 
दरअसल, दमोह विधानसभा सीट पर ब्राह्मण वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं, दमोह में विधानसभा क्षेत्र में लगभग 20 हजार ब्राह्मण वोटर हैं, ऐसे में जिस पार्टी को ब्राह्मणों वोट मिला उस पार्टी के चुनाव जीतने के चांस बढ़ जाते हैं. खास बात यह है कि पिछले चुनाव में भी ब्राह्मण वोटर्स ने निर्णायक भूमिका निभाई थी. कांग्रेस ने दमोह विधानसभा उपचुनाव में ब्राह्मण वर्ग से आने वाले अजय टंडन को प्रत्याशी बनाया है, तो बीजेपी ने शिवराज सरकार में कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव को दमोह उपचुनाव का प्रभारी बनाकर ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है. यही वजह है कि दोनों पार्टियों में अब जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. 

स्टार प्रचारकों को लेकर दोनों पार्टियों में शुरू हुई बयानबाजी 
दरअसल, दमोह विधानसभा सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस अपनी-अपनी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है. बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा,  गोपाल भार्गव, हितानन्द शर्मा और संजय पाठक को स्टार प्रचारक बनाया गया है. वहीं बात अगर कांग्रेस की जाए तो सुरेश पचौरी, चौधरी राकेश चतुर्वेदी, राजा पटेरिया और मुकेश नायक को स्टार प्रचारक बनाया है. लेकिन विवाद पूर्व मंत्री मुकेश नायक को लेकर बना हुआ है. 

दरअसल, बीजेपी प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के नामांकन में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष मुकेश नायक के भाई सतीश नायक ने बीजेपी का दामन लिया. जबकि मुकेश नायक ने भी एक बयान देकर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. जब उनसे कांग्रेस छोड़ने की अटकलों के बारे में पत्रकारों ने सवाल पूछा तो मुकेश नायक ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी नहीं राजनीति छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. इस बयान के बाद दमोह उपचुनाव में सियासत गरमा गई. 

कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना
ब्राह्मण वोटरों के मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ब्राह्मण हितेषी है. लेकिन बीजेपी किसी वर्ग की हितेषी नहीं है, बीजेपी सिर्फ सत्ता की हितेषी है. बीजेपी चुनाव में ब्राह्मण वोट हासिल करने के लिए राजनीति कर रही है. लेकिन ब्राह्मण वोटर समझदार है. 

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बीजेपी का पलटवार 
वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया. बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को दमोह में हार दिखने लगी तो ब्राह्मण नेताओं की याद आने लगी. कांग्रेस अब पूर्व मंत्री मुकेश नायक की याद आ रही है, चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी की कांग्रेस ने क्या दुर्गति की किसी से छुपी नहीं है, लेकिन बीजेपी ने हर वर्ग का ध्यान रखती है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष युवा वीडी शर्मा जबकि दूसरे नेताओं का भी ध्यान रखा जाता है. लेकिन कांग्रेस ब्राह्मण विरोधी है.

क्यों अहम है दमोह में ब्राह्मण वर्ग?
दरअसल, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दमोह विधानसभा सीट पर वैसे तो लोधी वोट बैंक का दबदबा माना जाता है, लेकिन इस सीट पर 20 हजार से ज्यादा ब्राह्मण वोटर्स हैं, दमोह से बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री जयंत मलैया लगातार सात विधानसभा चुनाव जीते हैं, उनकी जीत में ब्राह्मण वोटर्स की भूमिका अहम रही है. जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की जीत में इस वर्ग का वोट निर्णायक माना गया था. यही वजह है कि दोनों पार्टियां इस वोट बैंक पर पकड़ मजबूत करना चाहती हैं. ताकि उनकी राह आसान हो सके. 

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