स्कूल संचालक कहावत के चलते भैंस तो ले आएं लेकिन यही कहावत संचालकों पर ही लागू हो गई. भैंस भीड़ देखकर बेकाबू हो गई और स्कूल संचालक भैंस को बेकाबू देख बचने की कोशिश में लग गए.
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शाजापुर: शाजापुर में प्रदेश सरकार की अनदेखी के खिलाफ आज निजी स्कूल संचालकों ने कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया और इसी के चलते संचालकों ने विरोध स्वरूप कलेक्टर कार्यालय परिसर में भैंस के आगे बीन बजाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.स्कूल संचालकों को भैंस के आगे बीन बजाना भारी पड़ गया, और बड़ा हादसा टल गया.
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संचालकों पर लागू हुई कहावत
स्कूल संचालक कहावत के चलते भैंस तो ले आएं लेकिन यही कहावत संचालकों पर ही लागू हो गई. भैंस भीड़ देखकर बेकाबू हो गई और स्कूल संचालक भैंस को बेकाबू देख बचने की कोशिश में लग गए. इसके बाद भी भैंस ने एक महिला स्कूल संचालिका को निशाना बना लिया और गिरा दिया, गनीमत रहा महिला को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा. महिला के सुरक्षित बच जाने पर संचालकों ने राहत की सांस ली. भैंस को रस्सी से बांधकर लाया गया था और उसकी लगाम उसके मालिक के हाथ में थी, जिससे मालिक ने उसे काबू में कर लिया.
ज्ञापन सौंपा गया
बता दें कि मध्य प्रदेश प्रांतीय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ जिला इकाई शाजापुर द्वारा प्रदेश अध्यक्ष दीपेश ओझा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को मांग पत्र सौंपा. जिसमें बताया गया कि पिछले 15 महीनों से अशासकीय शिक्षण संस्थान संचालक आर्थिक रूप से पूरी तरह से टूट गए हैं, क्योंकि स्कूल नहीं खुलने के कारण पालक फीस देने को तैयार नहीं हैं और प्रशासन कोई सहायता करने को तैयार नहीं है. ज्ञापन में सरकार से मांग की गई कि निजी स्कूलों को खोले जाने के आदेश जारी किए जाएं.
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जीवन चलाना हुआ मुश्किल
वहीं इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष ओझा ने कहा कि यदि सरकार मांग पूरी नहीं करती है तो 5 जुलाई से छठी से लेकर 12वीं तक के विद्यालय पूरे जिले में खोल दिए जाएंगे. इसके बाद 15 दिन के बाद 1 से लेकर 5 तक के विद्यालय भी संचालित किए जाएंगे, क्योंकि स्कूल नहीं खुलने की वजह से स्कूल संचालक बैंकों की किश्त, वाहन की किश्त, बिजली का बिल, मकान का किराया नहीं भर पा रहे हैं. सरकार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है, नतीजतन 10 हजार स्कूल बंद होने की कगार पर जा पहुंचे. ओझा ने कहा कि सरकार की मनमानी को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और स्कूल खोले जाएंगे.
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