दमोह (Damoh) जिले के कुछ मजदूरों को महाराष्ट्र (Maharashtra) के कोल्हापुर (Kolhapur) में बंधक बना लिया गया था. इन मजदूरों को खाना तक नहीं दिया जा रहा था. जानिए कैसे यह मजदूर (laborers) यहां फंस गए थे.
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दमोहः मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) और खास तौर पर बुंदेलखंड (Bundelkhand) में मजदूरों का पलायन और महानगरों की तरफ जाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन पेट पालने के लिए दूसरे शहरों में जाकर मजदूरी करना अब इन मजदूरों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. क्योंकि बड़े शहरों में बुंदेलखंड के मजदूरों को बंधक बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. दमोह (Damoh) जिले के कुछ मजदूरों को महाराष्ट्र (Maharashtra) के कोल्हापुर (Kolhapur) में बंधक बना लिया गया. जिसके बाद बड़ी मुश्किल से इन मजदूरों को छुड़ाया गया. इस काम में दमोह जिले के कलेक्टर तरुण राठी (Tarun Rathi) की अहम भूमिका रही, जिसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने भी कलेक्टर को ट्वीट कर बधाई दी है.
मैं @CollectorDamoh श्री तरुण राठी और ज़िला प्रशासन की पूरी टीम को इस त्वरित कार्रवाई के लिए बधाई देता हूँ।" https://t.co/j2kwUavslR
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 10, 2021
मजदूरों को कोल्हापुर में बनाया था बंधक
दमोह जिले के आलमपुर गांव में रहने वाले कुछ मजदूर परिवार मजदूरी करने महाराष्ट्र के कोल्हापुर पहुंचे थे. लेकिन उन्हें ये आभाष नहीं था की रोटी के लिए उन्हें प्रताड़ना सहना पड़ेगी, उनके साथ मारपीट होगी और जिस रोटी के लिए उन्होंने अपना घर छोड़ा वो रोटी भी नहीं मिलेगी. दरअसल, इन मजदूरों को तीन महीने पहले एक दलाल कोल्हापुर लेकर पहुंचा था. उसने सभी को गन्ने की फैक्ट्री में काम दिलाने का वादा किया था. लेकिन कुछ दिनों तक काम करने के बाद जब मजदूरों ने पैसे मांगे तो उनके साथ मारपीट की जाने लगी.
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14 मजदूरों को बना लिया बंधक
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में इन 14 मजदूरों और उनके साथ गए बच्चों को बंधक बना लिया गया. इस बात की जानकारी खुद इन मजदूरों ने दी है. उन्होंने बताया कि फैक्ट्री में उन्हे खाना तक नहीं दिया जा रहा था. ऐसे वे किसी भी तरह से अपनी और अपने बच्चों की जान बचाने की कोशिश में जुटे थे. एक दिन मौका मिलते ही मजदूरों ने दमोह जिला प्रशासन को फोन कर उन्हें बंधक बनाए जाने की बात बताई. मामला सामने आने के बाद दमोह जिला प्रशसन हरकत में आया और कलेक्टर ने लेवर विभाग को निर्देशित किया कि कोल्हापुर में बंधक बनाए गए मजदूरों को जल्द से जल्द छुड़ाया जाए.
मजदूरों को इस तरह छुड़ा गया
कलेक्टर तरूण राठी के निर्देश पर श्रम विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस कोल्हापुर पहुंची और लोकल पुलिस के साथ मजदूरों ने जो ठिकाना बताया था वहां छापा मारा और इस तरह बंधक बनाए गए मजदूरों को प्रशासन की सर्तकता से छुड़ा लिया गया. इस आपरेशन में गए अफसरों ने बताया कि मजदूरों को फैक्ट्री के अंदर ही बंधक बना रखा था. जहां उनसे काम करवाया जा रहा था, लेकिन न तो उन्हें ठीक से खाना दिया जा रहा था और नहीं पैसे दिए जा रहे थे. पुलिस की टीम ने बताया कि इस मामले की शिकायत कोल्हापुर पुलिस को लिखित में की गई और ताकि मामले की ठीक से जांच हो सके.
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घर पहुंचते ही मजदूरों के खिला चेहरे, मंत्री ने की मुलाकात
बुधवार को मजदूर जब श्रम विभाग की टीम के साथ दमोह पहुंचे तो उनके चेहरे पर छलक रही खुशी देखते ही बन रही थी. खास बात यह थी कि इस दौरान दमोह पहुंचे शिवराज सरकार में मंत्री रामखेलावन पटेल ने मजदूरों से मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना. मंत्री ने कहा कि सरकार के पास जैसे ही यह मामला पहुंचा तो इसे मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए अधिकारियों ने अच्छा काम किया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पूरे प्रदेश में इस तरह के मामलों को लेकर संवेदनशील है, जहां भी इस तरह के मामले सामने आएंगे तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
सीएम ने ट्वीट कर दी कलेक्टर को बधाई
बंधक बनाए गए इन मजदूरों को छुड़ाने में सबसे अहम भूमिका दमोह जिले के कलेक्टर तरुण राठी की थी. जिसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उन्हें और जिला प्रशासन की टीम को बधाई दी है. मुख्यमंत्री ने लिखा कि बंधक मजदूरों को छुड़ाएं जाने के लिए वे कलेक्टर तरुण राठी और जिला प्रशासन की पूरी टीम को इस त्वरित कार्रवाई के लिए बधाई देते है.
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