Dhar Bhojshala: भोजशाला में सर्वे का आज 8वां दिन, दोपहर 1 से 3 बजे तक होगी नमाज, मुस्लिम पक्षकार ने फिर उठाए सवाल, जानिए
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Dhar Bhojshala: भोजशाला में सर्वे का आज 8वां दिन, दोपहर 1 से 3 बजे तक होगी नमाज, मुस्लिम पक्षकार ने फिर उठाए सवाल, जानिए

Dhar Bhojshala Survey:  धार जिले में स्थित भोजशाला में ASI का सर्वे जारी है. शुक्रवार को सर्वे का 8वां दिन है. वहीं आज जुम्मे की नमाज को लेकर आज सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

 

Dhar Bhojshala: भोजशाला में सर्वे का आज 8वां दिन, दोपहर 1 से 3 बजे तक होगी नमाज, मुस्लिम पक्षकार ने फिर उठाए सवाल, जानिए

Dhar Bhojshala ASI Survey: धार की भोजशाला में ASI सर्वे का आज 8वां दिन हैं. ASI की टीम आज अल-सुबह सर्वे करने पहुंच गई है. आज शुक्रवार है, लिहाजा आज मुस्लिम समुदाय दोपहर 1 से 3 बजे तक भोजशाला में जुम्मे की नमाज अदा करेगा. जिसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. अब नमाज के दौरान सर्वे होगा या नहीं इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. गौरतलब है कि यहां मंगलवार कों सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिन्दू समुदाय पूजा करता है. ASI की टीम ने कल भी लगभग 9 घंटे भोजशाला के अंदर बाहर सर्वे किया है. कल भोजशाला के बाहर फिर उत्खनन किया गया.

जानिए ASI के सर्वे में अब तक क्या हुआ?
- भोजशाला कों अंदर बाहर नापा गया मतलब लम्बाई चौड़ाई का मेजरमेंट मिलाया गया
- भोजशाला के अंदर बाहर से मिट्टी के सेम्पल लिए गए.
- खुदाई करके निकाले गए पत्थरों के सेम्पल लिए गए, जिससे भोजशाला की उम्र पता की जा सके.
- कार्बन डेटिंग की गई
- भोजशाला के अंदर मौजूद पत्थरों पर मौजूद कलाकृतियों कों रिकॉर्ड किया उनके सबूत लिए
- भोजशाला के बाहरी हिस्से में अबतक 3 गड्डे खोदे गए एक गड्डे की गहराई 12 फ़ीट से अधिक हो गई
- गड्डे से मिट्टी और पत्थर निकाले गए
- भोजशाला की नींव की खुदाई की जा रही, जिससे भोजशाला की उम्र का पता चल सके.
- नींव की खुदाई तक जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
- भोजशाला के बाहर कमाल मौला मज्जिद तक मार्किंग की गई
- भोजशाला के बाहर कब्रिस्तान के सामने भी मार्किंग की गई.
- भोजशाला की छत कों नापा गया
- ASI की सर्वे टीम में दो एक्सपर्ट और बड़े अब कुल 19 सदस्यों की टीम हो चुकी है.

सर्वे पॉजिटिव दिशा में चल रहा - हिंदू पक्ष
भोजशाला के ASI सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन की तरह ही सर्वे का काम जारी है. आपको बता कर मैं उत्साहित हूं कि सर्वे पॉजिटिव दिशा में ही चल रहा है, आने वाले समय में निश्चित ही हमें सुखद परिणाम मिलेंगे. अभी तक बेस ही तैयार हुआ है, कुछ पॉइंट नोट हो गए हैं. भोजशाला की छत पर भी जांच हुई है, भोजशाला के पीछे की और कुछ नए स्थान को प्वाइंट आउट किया है. आज दो नए लोग ASI की टीम में आए हैं. वह अलग विधाओं के जानकार हैं. 

वहीं उन्होंने सुबह मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान द्वारा दिए गए बयान को लेकर कहा की सबको पता है कि राजा भोज दसवीं शताब्दी के थे. कमाल मौलाना तो कमलनाथ महाराज की समाधि है, जिस पर शिवलिंग स्थापित था. सभी जानते हैं कि एक समय यहां नाथ संप्रदाय का भी समय था. पूरा शहर बसा था, काल भैरव सिद्ध क्षेत्र था, नगर में जितनी भी समाधि है, सभी नाथ संप्रदाय की है. 437 समाधियां नाथ संप्रदाय की नगर में मौजूद हैं. यहां कमलनाथ जी की समाधि है. 

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भोजशाला का टाइटल बदलेगा
 गोपाल शर्मा ने कहा कि हम तो कह रहे हैं कि सर्वे करवा लो उस स्थान का, जो सत्य होगा सामने आएगा. आपको भी जानकारी में होगा कि जब कलेक्टर राजेश राजोरा थे तब अकल कुई के पास से 10 टन वजन की विष्णु जी की प्रतिमा निकली थी. जो आज भी मांडव के जहाज महल में रखी है. उसी प्रतिमा में नारायण जी सोए हुए हैं और लक्ष्मी जी पैर दबा रही हैं. यह प्रतिमा अकल कुई के पास से निकली थी. आज भी भोजशाला परिसर के आसपास जाकर देख लीजिए, कितनी ही प्रतिमाएं हैं, जो भोजशाला की गाथा को गा रही है. आज भी किसान खेतों में हल चलाते हैं, तो प्रतिमाएं निकलते हैं. निश्चित ही आने वाले समय में सच सामने आएगा जो भोजशाला के लिए नींव का पत्थर साबित होगा. अयोध्या का टाइटल बदला है, काशी का टाइटल बदला है, निश्चित ही धार की भोजशाला का भी टाइटल बदलेगा, यह मां का मंदिर है.

मुस्लिम पक्षकार ने क्या कहा?
भोजशाला सर्वे में शामिल मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने सवाल उठाते हुए कहा कि राजा भोज का किला था? अगर किला था तो भोजशाला कहां थी? भोजशाला मिस्ट्री थी. उसको ढूंढने की कोशिश की जाए. हम भी चाहते हैं कि उसको ढूंढा जाए. अब्दुल समद ने कहा कि जो भी चल रहे हैं जो भी चीज चल रही है. मुस्लिम समाज के पक्ष में चल रही है. पीछे की तरफ सर्वे चल रहा है. तीन स्पॉट बनाए गए हैं, उसमें साढ़े छह फीट गहराई तक गड्ढे कर दिए गए हैं.

क्या है भोजशाला विवाद
11वीं शताब्दी में मध्य प्रदेश के धार जिले में परमार वंश का शासन था. 1000 से 1055 ई. तक राजा भोज धार के शासक थे. खास बात यह थी कि राजा भोज देवी सरस्वती के बहुत बड़े भक्त थे. 1034 ई. में राजा भोज ने एक महाविद्यालय की स्थापना की थी, यह महाविद्यालय बाद में 'भोजशाला' के नाम से जाना गया, जिस पर हिंदू धर्म के लोग आस्था रखते हैं.

(धार से कमल सोलंकी की रिपोर्ट)

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