Dhar Bhojshala ASI Survey: धार स्थित भोजशाला का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सर्वे का आज गुरुवार को सातवां दिन है. बीते 6 दिनों में एएसआई की टीम को कई अहम सबूत मिले हैं. इसके अलावा भोजशाला की नींव की खुदाई भी की जा रही है.
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Dhar Bhojshala ASI Survey: धार स्थित भोजशाला का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सर्वे का आज गुरुवार को सातवां दिन है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 6वें दिन करीब 9 घंटे भोजशाला के अंदर और बाहर सर्वे किया. भोजशाला की नींव की खुदाई चल रही है. खुदाई में कई सबूत मिले है, जिनको संग्रहित किया गया है. इसके अलावा नींव की खुदाई लगभग 12 फीट तक पहुंच चुकी है.
बता दें कि भोजशाला परिसर में सर्वेक्षण के दौरान हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष गोयल और गोपाल शर्मा के साथ ही मुस्लिम समुदाय के नेता अब्दुल समद ASI दल के साथ मौजूद थे.
जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
- भोजशाला कों अंदर बाहर नापा गया मतलब लम्बाई चौड़ाई का मेजरमेंट मिलाया गया.
- भोजशाला के अंदर बाहर से मिट्टी के सेम्पल लिए गए
- खुदाई करके निकाले गए पत्थरों के सेम्पल लिए गए. जिससे भोजशाला की उम्र पता की जा सके.
- कार्बन डेटिंग की गई
- भोजशाला के अंदर मौजूद पत्थरों पर मौजूद कलाकृतियों कों रिकॉर्ड किया उनके सबूत लिए
- भोजशाला के बाहरी हिस्से में अबतक 3 से अधिक 9 फ़ीट तक के गड्डे खोदे गए, जिनमें से मिट्टी और पत्थर निकाले गए.
- भोजशाला की नींव की खुदाई की जा रही है. जिससे भोजशाला की उम्र का पता चल सके
- भोजशाला के बाहर कमाल मौला मज्जिद तक मार्किंग की गई.
- भोजशाला के अंदर स्टील की रॉड ले जाई गई.
- आज सातवें दिन का सर्वे करेगी टीम
क्या है भोजशाला
11वीं शताब्दी में मध्य प्रदेश के धार जिले में परमार वंश का शासन था. 1000 से 1055 ई. तक राजा भोज धार के शासक थे. खास बात यह थी कि राजा भोज देवी सरस्वती के बहुत बड़े भक्त थे. 1034 ई. में राजा भोज ने एक महाविद्यालय की स्थापना की थी, यह महाविद्यालय बाद में 'भोजशाला' के नाम से जाना गया, जिस पर हिंदू धर्म के लोग आस्था रखते हैं.
(धार से कमल सोलंकी की रिपोर्ट)