APJ Abdul Kalam Death Anniversary: पूर्व राष्ट्रपति के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप!
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APJ Abdul Kalam Death Anniversary: पूर्व राष्ट्रपति के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप!

APJ Abdul Kalam के जन्मदिन 15 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 2010 में विश्व छात्र दिवस घोषित किया गया था.

पूर्व राष्ट्रपति DR APJ Abdul Kalam. (फाइल फोटो)

APJ Abdul Kalam Death Anniversary: देश के 11वें राष्ट्रपति रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं. डॉ. कलाम का युवाओं पर खासा गहरा प्रभाव था और राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद वह शिक्षा के क्षेत्र में काम करने लगे थे. यही वजह है कि डॉ. कलाम के जन्मदिन 15 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 2010 में विश्व छात्र दिवस घोषित किया गया था. आज देश के पूर्व राष्ट्रपति, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है, उनकी पुण्यतिथि है. ऐसे में हम आपको डॉ. कलाम के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में शायद आपको नहीं पता होगा. 

पोखरण में हुए दूसरे न्यूक्लियर टेस्ट में डॉ. कलाम ने अहम भूमिका निभाई थी. देश के मिसाइल प्रोजेक्ट में बेहतरीन योगदान देने के चलते डॉ. कलाम को मिसाइल मैन की उपाधि दी गई. अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास का श्रेय डॉ. कलाम को ही जाता है.

डॉ. कलाम को सम्मान देने के लिए ओडिशा के तट पर मौजूद व्हीलर आइलैंड को साल 2015 में अब्दुल कलाम आइलैंड नाम दे दिया गया था. बता दें कि भारत की इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज मिसाइल टेस्टिंग इसी द्वीप पर होती है. पहले इस द्वीप का नाम अंग्रेज कमांडर लेफ्टिनेंट व्हीलर के नाम पर था. 

डॉ. कलाम का ताल्लुक मुस्लिम धर्म से था लेकिन वह दिल से सेक्यूलर व्यक्ति थे और उनका मानना था कि सभी धर्मों से बड़ा मानवता का धर्म है. 

डॉ. कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था. उन्हें 40 यूनिवर्सिटीज से 7 डॉक्टरेट की उपाधियां मिली थीं. ISRO और DRDO में दिए योगदान के लिए साल 1981 में डॉ. कलाम को पदम भूषण, 1990 में पदम विभूषण सम्मान से नवाजा गया.

साल 1997 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया. 

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पास टीवी नहीं था. उनके निजी सामान में सिर्फ किताबें, एक वीणा, सीडी प्लेयर और लैपटॉप शामिल था. 

डॉ. कलाम ने 1963 में नासा का दौरा किया था और उसके बाद उन्होंने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) और SLV-3 प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया. 

डॉ. कलाम ने कुल 18 किताबें और 22 कविताएं लिखीं. 

27 जुलाई 2015 को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलॉन्ग में छात्रों को लेक्चर देते हुए उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया. 

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