15 दिन पहले अवधेश कुमार सक्सेना के छोटे भाई और भतीजा कोरोना की चपेट में आ गए. इन दोनों का गुना में इलाज चल ही रहा था कि अवधेश कुमार सक्सेना और उनका 32 साल का बेटा शुभम भी कोरोना की चपेट में आ गए.
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शाजापुरः कोरोना महामारी ने समाज की कई परंपराओं को बदलकर रख दिया है. दरअसल शाजापुर में एक परिवार पर दुखों का ऐसा पहाड़ टूटा है कि परिवार में अब कोई पुरुष ही नहीं है, जो मृतक का अंतिम संस्कार कर सके. ऐसे में परिवार की बेटी को यह जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है.
भाई के बाद अब पिता की मौत
दरअसल शहर के एमएलबी स्कूल में प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुए अवधेश कुमार सक्सेना के जीवन में सबकुछ ठीक चल रहा था. तभी 15 दिन पहले अवधेश कुमार सक्सेना के छोटे भाई और भतीजा कोरोना की चपेट में आ गए. इन दोनों का गुना में इलाज चल ही रहा था कि अवधेश कुमार सक्सेना और उनका 32 साल का बेटा शुभम भी कोरोना की चपेट में आ गए.
चार दिन पहले ही शुभम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घर के सभी पुरुषों के बीमार होने के कारण बहन तनवी ने ही अपने भाई का अंतिम संस्कार कराया. इस दुख से तनवी और बाकी परिवार उबरा भी नहीं था कि सोमवार को पिता अवधेश कुमार सक्सेना ने भी दम तोड़ दिया. ऐसे में एक बार फिर तनवी ने ही अकेले अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाई और पिता का अंतिम संस्कार किया.
मां भी हैं संक्रमित
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, तनवी की मां भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुकी हैं और फिलहाल वह शाजापुर के एक लॉज में आइसोलेट हैं. तनवी के चाचा और चचेरा भाई अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है. कोरोना के चलते ये स्थिति आ गई है कि शुभम की मौत के बाद उसकी पत्नी नेहा और दो साल की बेटी उसका चेहरा तक नहीं देख सके.