खरगोन: खरगोन जिले के बड़वाह में पुलिस ने एक मामले का खुलासा करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें छह साल पहले लापता व्यक्ति के नाम कि जमीन की रजिस्ट्री करके लोगों को ज़मीने बेच दी गई. खास बात यह थी कि लापता पुत्र के पिता ने ही यह कारनामा किया. इस मामले में पुलिस ने पिता सहित पांच लोगों को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया है.


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बहू की शिकायत पर मामला उजागर हुआ
घटना में ASP जितेंद्र सिंह ने खुलासा करते हुए बताया वर्षों पूर्व खरगोन जिले के बड़वाह में कृषि विभाग के एडीओ रहे लाखनसिंह राजपूत को पुलिस ने अपने ही गुमशुदा पुत्र की कृषि भूमि को फर्जी कागजात के बल पर बेचे जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मामले में स्थानीय पुलिस थाने में राजपूत की बहू ने ही रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिस पर पुलिस ने पूरे मामले गम्भीरता से जांच कर पूरे मामले का खुलासा किया है. एएसपी ने बताया कि मनोज पति नेत्रपाल सिंह यादव निवासी शिकारपुर जिला मुरैना के द्वारा बड़वाह थाने पर एक शिकायती आवेदन पत्र दिया गया था. जिसमे उन्होंने बताया था कि बड़वाह के पास स्थित ग्राम कटघडा में उनके पति नेत्रपाल सिंह के नाम की कृषि भूमि को फर्जी कागजों के आधार पर पावर ऑफ अटर्नी के माध्यम से उनके ससुर ने रजिस्ट्री कर बेच दी गई. जब कि इस कृषि भूमि के सारे कागजात फरियादी महिला के पास ही मौजूद थे एवं उसका पति पिछले 6 वर्षों से लापता है.


महिला का ससुर ही निकला आरोपी
मामले में पुलिस ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की तो फर्जी कागज तैयार कर जमीन को बेचने वाला आरोपी फरयादी महिला का ससुर लाखनसिंह राजपूत ही निकला. जिसने अपने गुमशुदा पुत्र का फर्जी आधार कार्ड तैयार करवाकर अपने ही पुत्र नेत्रपाल सिंह के नाम से अरविंद तिवारी के नाम से पावर आफ अटर्नी बनवाकर राजेश वर्मा नाम के एक व्यक्ति को उक्त कृषि भूमि बेचकर रजिस्ट्री कर दी गई. 


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सिम तक ले ली गई
इसमें मुख्य आरोपी लाखन सिंह ने अपने गुमशुदा पुत्र का आधार कार्ड बनवाने के लिए पूर्व से आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नम्बर की सिम जो कि नेत्रपाल के लापता होने के बाद बन्द हो गई थी. इस सिम को आइडिया कम्पनी द्वारा छत्तीसगढ़ के ग्राम रेवतपुर के एक व्यक्ति को अलॉट कर दी गई थी. किन्तु आधार कार्ड बनवाने के लिए मुख्य आरोपी लाखनसिंह द्वारा इस व्यक्ति को तलाश कर उससे भावनात्मक बाते कर यह सिम ले ली गई व इस सिम पर आए ओटीपी के माध्यम से गुमशुदा बेटे का आघार कार्ड बनवा कर कृषि भूमि की पावती व रजिस्ट्री तैयार करवा ली गई. इसके साथ ही एक अन्य व्यक्ति को नेत्रपाल सिंह बताकर एक पावर ऑफ अटॉर्नी भी अरविंद तिवारी के पक्ष में सम्पादित कर दी गई. इस पावर आफ अटॉर्नी के माध्यम से उपरोक्त कृषि भूमि को राजेश वर्मा नाम के व्यक्ति को बेच दी गई.


पुलिस ने किया गिरफ्तार
इस पूरे मामले में पुलिस ने लगभग 50 लाख की कीमती कृषिभूमि को बेचने के मामले में पुलिस ने लाखनसिंह राजपूत सहित 4 अन्य आरोपियों अरविंद तिवारी,जितेंद्र सक्सेना, दरबार राजपूत, एवं राजेश कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया है.


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