क्या खत्म होगा विवाद? सीएम बघेल और मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली पहुंचे, राहुल गांधी से होगी मीटिंग
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क्या खत्म होगा विवाद? सीएम बघेल और मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली पहुंचे, राहुल गांधी से होगी मीटिंग

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बृहस्पत सिंह ने टीएस सिंहदेव पर जान से मारने के आरोप लगा दिए थे. इन आरोपों को लेकर खूब हंगामा हुआ था.

क्या खत्म होगा विवाद? सीएम बघेल और मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली पहुंचे, राहुल गांधी से होगी मीटिंग

नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ सरकार में जारी तनातनी का आज पटाक्षेप हो सकता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव आज दिल्ली दौरे पर हैं और वहां राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. दरअसल बीते दिनों सरकार में आपस में ही विवाद की स्थिति रही, जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था. साथ ही कथित ढाई-ढाई साल सीएम के फार्मूले को लेकर भी विवाद बताया जा रहा है. 

क्या है विवाद
बीते दिनों विधायक बृहस्पत सिंह के काफिले पर हमला हुआ था. जिसके बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बृहस्पत सिंह ने टीएस सिंहदेव पर जान से मारने के आरोप लगा दिए थे. इन आरोपों को लेकर खूब हंगामा हुआ और टीएस सिंहदेव ने आहत होकर विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था. हालांकि बाद में बृहस्पत सिंह ने अपने आरोपों को लेकर सदन में माफी मांगी और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी आरोपों को निराधार बताया, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री माने. 

ढाई ढाई साल के फार्मूले पर है विवाद!
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. उस वक्त भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव का नाम सीएम पद की रेस में सबसे आगे था. हालांकि आलाकमान में भूपेश बघेल पर भरोसा जताया. हालांकि उस समय ऐसी चर्चाएं थी कि ढाई ढाई साल के फार्मूले पर बात तय हुई है. मतलब ढाई साल भूपेश बघेल सीएम रहेंगे और ढाई साल टीएस सिंह देव. हालांकि इस मसले पर पार्टी या किसी नेता का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया. 

अब चूंकि भूपेश बघेल के कार्यकाल को ढाई साल बीत चुके हैं. ऐसे में एक बार यह मुद्दा गरमा रहा है. बीते दिनों जब टीएस सिंहदेव से इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ढाई साल तो बीत गए लेकिन जीवन में संभावनाएं बनी रहती हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो जिम्मेदारी देगी, वह उसका निर्वहन करेंगे. इन्हीं सब घटनाक्रम के चलते यह विवाद बना हुआ है, जिसके आज सुलझने या आम सहमति बनने की उम्मीद की जा रही है. 

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