बेरहम सिस्टम, बेबस पिताः कंटेनमेंट जोन में सुबह छत से गिरी बेटी, 8 घंटे तक नहीं मिली मदद, फिर रात में हाथ ठेले से ले गया अस्पताल
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बेरहम सिस्टम, बेबस पिताः कंटेनमेंट जोन में सुबह छत से गिरी बेटी, 8 घंटे तक नहीं मिली मदद, फिर रात में हाथ ठेले से ले गया अस्पताल

मध्यप्रदेश के रीवा जिले से उदासीन सिस्टम और मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है...

हाथ ठेले से बेटी को पिता ले गया अस्पताल...

रीवा: सिस्टम की उदासीनता के चलते मध्यप्रदेश का रीवा एक बार फिर शर्मसार हुआ है. मऊगंज नगर परिषद के कंटेनमेंट जोन में एक लड़की छत से गिर गई. उसके पिता ने कई बार एम्बुलेंस, स्वास्थ्य विभाग और नगर पंचायत से मदद मांगी, लेकिन सिस्टम के कानों में जूं तक नहीं रेंगी. बेबस पिता आखिरकार 8 घंटे के बाद रात 11 बजे तड़पती बेटी को ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंचा.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते दिन लाचार पिता की बच्ची सुबह छत से नीचे गिर गयी थी. पैर में फैक्चर आने के कारण वह खड़ी तक नही हो पा रही थी. पिता की माली हालत ऐसी नहीं थी कि वह अपने प्रभाव से बच्ची को तत्काल इलाज उपलब्ध करा लेता. मोहल्ले से बाहर निकलने वाले रास्ते को प्रशासन ने जाली लगा बंद किया हुआ था. डर के मारे लाचार पिता न जाली हटा पाया न अपनी बच्ची को दर्द से राहत दिला पाया. 

रात 11 बजे ले हाथ ठेले के सहारे ले गया अस्पताल
जानकारी के अनुसार बच्ची का पिता अपनी बेटी के इलाज को लेकर 8 घंटों तक कंटेनमेंट जोन के भीतर फंसा रहा. आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद रात 11 बजे कंटेनमेंट जोन की जाली तोड़कर खुद से ही अपनी बेटी को हाथ ठेले में लेकर वह अस्पताल पहुंचा. जिसके बाद उसका इलाज किया गया और अब उसकी बेटी खतरे से बाहर बताई जा रही है.

कहां की घटना
ये पूरी घटना मऊगंज नगर परिषद के वार्ड नंबर 8 की बताई जा रही है. जहां दो दर्जन से अधिक कोरोना संक्रमित मिलने की वजह से इस ऐरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. साथ ही चारों तरफ से सील कर दिया गया है. मऊगंज नगर परिषद के प्रभारी सीएमओ कमलेश्वर सिंह का कहना है कि हमारे पास इस संबंध में किसी का कोई फोन नहीं आया था. फोन आता तो हम जरूर मदद करते. हमें घटना की जानकारी सुबह मिली है.

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