मध्य प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की गणतंत्र दिवस पर की गई सोशल मीडिया पोस्ट अब विवाद की ओर बढ़ती नज़र आ रही है. उस फेसबुक पोस्ट पर लगातार लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: मध्य प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की गणतंत्र दिवस पर की गई सोशल मीडिया पोस्ट अब विवाद की ओर बढ़ती नज़र आ रही है. उस फेसबुक पोस्ट पर लगातार लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. वहीं कांग्रेस ने भी भी मंत्री मोहन यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार पटेल व सनातन धर्म की बात तो स्वागत योग्य हैं, लेकिन मंत्री जी की गोडसे विचारधारा ने बता दिया कि वो महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नेहरू के बारे में ग़लत कह रहे हैं.
क्या लिखा फेसबुक पोस्ट पर
दरअसल 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन की गई इस पोस्ट में लिखा है कि गणतंत्र दिवस की परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे, सरदार वल्लभभाई पटेल थे. परेड में ना तो देश के फर्जी पिताजी थे, ना ही देश के फर्जी चाचा थे.. ना लोहे की महिला थी, ना ही कंप्यूटर के आविष्कारक थे. परेड में काशी विश्वनाथ की झांकी थी, देवी वैष्णो देवी की झांकी थी, सनातन संस्कृति का नजारा था. मेरा देश सही में बदल रहा है, मेरा देश अंग्रेज़ी गुलामों के जबड़ो से निकल रहा है, मेरा देश सही में स्वतंत्र हो रहा है.
कांग्रेस ने किया पलटवार
इस पोस्ट के बाद जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष रवि राय ने पलटवार करते हुए कहा कि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार पटेल व सनातन धर्म की बात तो स्वागत योग्य हैं, लेकिन मंत्री जी की गोडसे विचारधारा ने बता दिया कि वो महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नेहरू के बारे में ग़लत कह रहे हैं. जिन्होंने पूरे जीवन देश पर बलिदान किया. नेहरू परिवार को बदमान करना इस तरह से गलत है. जवाहरलाल नेहरू तो देश कि आजादी के लिए वर्षों जेल में रहे. गणतंत्र दिवस के पर्व पर ऐसी पोस्ट लिखकर उच्च शिक्षा मंत्री समाज को क्या संन्देश देना चाहते है? मैं इस पोस्ट की निंदा करता हूं, और कहता हूं कि बीजेपी-आरएसएस की मानसिकता गोडसे की है.
लोगों ने भी किए पोस्ट पर कमेंट
मंत्री की पोस्ट पर लोगों के कमेंट भी आ रहे हैं. इस पर एक यूजर्स ने लिखा कि- मंत्री जी लेकिन नोट मतलब करेंसी पर तो फर्जी पिताजी ही ही आज भी आदरणीय मंत्री जी. और वो नोट तो सभी को प्यारे लगता है. गांधी के विचार देश की पूंजी है. उसे कोई मिटा नहीं सकता. गांधी जी के अहिंसावादी आंदोलन की बदौलत ही भारत देश है. गांधी के विचार हमेशा जिंदा रहेंगे. उन्हें कोई नहीं मिटा सकता. वहीं दूसरे यूजर ने लिखा कि "मंत्री जी सत्ता के नशे में आप इतने मत हो जाओ कि देश के राष्ट्रपिता को कुछ ना समझे.
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