ऐसे कैसे कहेंगे "चक दे इंडिया" जब खिलाड़ियों को मिलेगा ही नहीं अच्छा मैदान
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ऐसे कैसे कहेंगे "चक दे इंडिया" जब खिलाड़ियों को मिलेगा ही नहीं अच्छा मैदान

रतलाम के हॉकी ख़िलाडियों ने हॉकी के एस्ट्रो टर्फ मैदान के लिए शासन प्रशासन से कई बार मांग की है. 

सड़क पर हॉकी खेलकर विरोध जताते खिलाड़ी

रतलाम: रतलाम में हॉकी खिलाड़ियों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. हॉकी खेल के लिए एमपी खेल विभाग के द्वारा हॉकी फीडर सेंटर चलाया जा रहा है लेकिन रतलाम में आज भी हॉकी की प्रैक्टिस मिट्टी और पथरीले ग्राऊंड पर हो रही है. ऐसे में ख़िलाडी मिट्टी के मैदान में हॉकी की प्रैक्टिस कितनी भी कर ले लेकिन जब टूर्नामेंट में हॉकी खिलाड़ी जाते है तो वहां एस्ट्रो टर्फ मैदान में ख़िलाडी अपने अच्छे खेल का प्रदर्शन करने में नाकाम होते है. 

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शासन से की कई बार मांग
रतलाम के हॉकी ख़िलाडियों ने हॉकी के एस्ट्रो टर्फ मैदान के लिए शासन प्रशासन से कई बार मांग की है. अपनी मांग प्रशासन व सरकार तक पहुंचाने के लिए सड़क पर हॉकी खेलते हुए भी विरोध जताया. इसके बाद सभी हॉकी खिलाड़ी सड़कों पर हॉकी खेलते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जिला प्रशासन को हॉकी के एस्ट्रो टर्फ मैदान की मांग की गई है. 

कैसे होते है एस्ट्रोटर्फ मैदान ?
हॉकी के लिए अब हर जगह एस्ट्रोटर्फ मैदान बनने लगे है. एस्ट्रोटर्फ मैदान की खास बात यह होती है, कि यह पूरी तरह समतल होता है. इसमें क्रत्रिम घास उगाई जाती है, जो साधारण घास की अपेक्षा अधिक मजबूत होती है. इस घास की मिट्टी के अंदर पकड़ मजबूत होती है, जिससे खेल के दौरान यह उखड़ती नहीं है. यही नहीं, खेल के दौरान मैदान पर गड्ढे हो जाने की समस्या से छुटकारा मिल जाता है. इस मैदान की लंबाई 100 मीटर और चौड़ाई  65 मीटर होती है.

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खराब मैदान तोड़ रहा खिलाड़ियो का मनोबल
इस पथरीले मैदान में प्रैक्टिस से कई बार खिलाड़ियों को बड़ी गम्भीर चोट लग जाती है. इसी चोट की वजह से महीनों खिलाड़ियों को दूर रहना पड़ता है. वहीं कॉमन मैदान होने से अन्य खेल के खिलाड़ी फुटबॉल, क्रिकेट खिलाड़ी भी इसी मैदान में होते है. ऐसे में कई बार एक दूसरे से विवाद की स्थिति बन जाती है.

रतलाम ने दिए कई नेशनल खिलाड़ी
रतलाम के नेशनल हॉकी खिलाड़ी रह चुके नीलेश खंडारे ने बताया कि मिट्टी के मैदान से लगनी वाली चोट से खिलाड़ी दूर हो जाते है. एस्ट्रोटर्फ पर बहुत अच्छी प्रैक्टिस होती है, अगर आगे कोई भी खिलाड़ी हॉकी में अच्छा प्रदर्शन देना चाहते है वो भी एस्ट्रो टर्फ पर ही निकल सकते है. वहीं हॉकी कोच कृष्णा गोपाल ने बताया कि हॉकी में 30 से 35 नेशनल ख़िलाडी है, जो रतलाम से ही है. रतलाम से हर साल करीब 17 से 18 खिलाड़ी नेशनल खेलने जाते है.

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खेल विभाग बोला हमें जमीन नहीं मिल पा रही
रतलाम खेल एवं युवा कल्याण विभाग अधिकारी रुबिका देवान ने बताया कि हॉकी खेल के लिए एस्ट्रोटर्फ मैदान के लिए 3 से 4 एकड़ जमीन चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐस्ट्रोटर्फ मैदान के लिए हमने बहुत कोशिश कि लेकिन इसके लिए जमीन नहीं मिल पाई है.  रतलाम में बहुत अच्छे हॉकी खिलाड़ी है.  मुझे फक्र होता हैं कि रतलाम में इतने अच्छे ख़िलाडी है.

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