IIT हैदराबाद और कानपुर की रिसर्च में MP को लेकर चौंकाने वाला खुलासा
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IIT हैदराबाद और कानपुर की रिसर्च में MP को लेकर चौंकाने वाला खुलासा

मध्य प्रदेश में कोरोना के मामलों को लेकर आईआईटी कानपुर और आईआईटी हैदराबाद की रिसर्च किया है. 

फाइल फोटो

भोपाल। एमपी में कोरोना की रफ्तार अब थमने लगी है. प्रदेश के 45 जिलों में संक्रमण की दर 5 प्रतिशत से नीचे आ चुकी है. लेकिन फिर भी अभी प्रदेश के लोगों को कोरोनो से सावधान रहने की जरूरत हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में कोरोना की समीक्षा बैठक के दौरान बताया कि देश के प्रमुख संस्थानों ने मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी विज्ञान संबंधी तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया. अध्ययन में मुख्य रूप से यह बात सामने आई कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण आगे भी निरंतर कम होगा. 

15 जून तक मिलेंगे 15 हजार मामले 
सीएम शिवराज ने बताया कि आईआईटी कानपुर तथा आईआईटी हैदराबाद के अध्ययन में यह बात निकलकर सामने आई है कि 15 जून तक मध्य प्रदेश में कोरोना के 1500 मामले हर दिन आएंगे. इसके अलावा सेंटर फॉर मैथमेटिकल मॉडलिंग फॉर इनफेक्शियस डिजीज ने बताया कि आगामी दिनों में नए प्रकरणों की संख्या 500 से 1400 तक रहेगी. इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के अध्ययन में बताया गया कि अगर हर व्यक्ति मास्क पहनता है तो कोरोना के मामलों की औसत संख्या 2400 प्रतिदिन रहेगी. जिससे संक्रमण की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो जाएगी. 

दरअसल, जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन, सेंटर फॉर मैथमेटिकल मॉडलिंग फॉर इनफेक्शियस डिजीज, आईआईटी कानपुर, आईआईटी हैदराबाद तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु ने कोरोना पर रिसर्च किया था. इन संस्थानों के तुलनात्मक अध्ययन में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि आने वाले समय में भी संक्रमण रोकने के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना तथा वैक्सीनेशन जरूरी होगा. क्योंकि भारत जैसे बड़े आवादी वाले देश में कोरोना को रोकने के यह जरूरी है. 

18 से 44 साल के युवा सबसे ज्यादा प्रभावित 
मध्यप्रदेश में 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों के कोरोना प्रकरणों में कमी आई है, जबकि सर्वाधिक मामले 18 से 45 साल के हैं. जनवरी माह से तुलना करने पर 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के प्रकरण 20 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत हो गए हैं. 45 से 60 वर्ष तक की उम्र वाले लोगों के 25 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशतरह गए हैं. इसके अलावा 18 से 45 वर्ष तक उम्र वाले लोगों के प्रकरण 49 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गए हैं. 18 से कम उम्र वालों के मामलों में 5.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.6 प्रतिशत हो गए हैं.

कम प्रभावित क्षेत्रों में अधिक सतर्कता की जरूरत 
इसके अलावा अध्ययन में बताया गया है कि ऐसे क्षेत्र जहां संक्रमण का कम असर है, वहां पर अधिक सतर्कता की आवश्यकता है. वहां सघन सर्वे किया जाना चाहिए. जहां संक्रमण कम है, वहां भविष्य में अधिक संक्रमण की आशंका है. आने वाले समय में मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक सतर्कता बरते जाने की जरूरत है. 

मध्य प्रदेश के अस्पतालों में 31 हजार 156 बेड्स रहेंगे मौजूद
वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में तीसरी लहर की तैयारी के लिए जिलों के सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 11 हजार 997 से बढ़ाकर एक 31 हजार 156 कर ली जाएगी. जिला अस्पतालों में बच्चों के लिए बिस्तरों की संख्या 1659 कर ली जाएगी. इसी प्रकार शासकीय मेडिकल कॉलेजों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाकर 13 हजार 335 कर ली जाएगी.

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