क्या कोरोना से भी खतरनाक बीमारी देने वाली है दस्तक, इंदौर के MYH में 11 मरीजों में आया संक्रमण
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क्या कोरोना से भी खतरनाक बीमारी देने वाली है दस्तक, इंदौर के MYH में 11 मरीजों में आया संक्रमण

कोरोना से नया खतरा बढ़ा एमवाय में ही ब्लैक फंगस के 11 मरीज मिले.                

ब्लैक फंगस

इंदाैर​: कोरोना का ख़तरा बढ़ता ही जा रहा है. अब इंदाैर और भोपाल में भी कोरोना से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. पहले ब्लैक फंगस के मामले  दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात में देखें जा चुके हैं. एमवायएच में ऐसे 11 मरीज भर्ती हैं. साेमवार काे इनमें से दो की आंखें निकाले जाने का ऑपरेशन हाेगा. एमवाय की नेत्र रोग विशेषज्ञ ने जानकारी देते हुए बताया कि यह माइल्ड इलनैस वालों को भी हो रहा है. कुछ ऐसे भी थे जिन्हें स्टेराइड भी ज्यादा नहीं दिया गया.वे सामान्य रूम एयर पर थे. लेकिन शुगर लेवल बढ़ने से म्यूकर फंगल का शिकार हो गए. करीब 35 ऐसे मरीजों का इलाज किया. ऐसे भी मरीज आए हैं जो भर्ती भी नहीं हुए. 

निजी अस्पताल के ऑर्बिट सर्जन बताते हैं कि पिछले साल भी इस तरह के इक्का-दुक्का केस आते थे. लेकिन अब यह संख्या बढ़ गए हैं. अब रोज चार-पांच केस आ रहे हैं. अभी इस पर ज्यादा स्टडी नहीं हुई है. जानकारी के अनुसार आई सर्जन्स सोसायटी इसी विषय को लेकर सोमवार को वेबिनार करने जा रहा है.
 
एक्सपर्ट के अनुसार स्टेराइड से परेशानी बढ़ी
एक्सपर्ट के अनुसार स्टेराइड और टॉसिलिजुमेब की वजह से भी शुगर लेवल पर बढ़ जाता है. इन दिनों कई मरीज बिना डॉक्टर से पूछे भी स्टेराइड ले रहे हैं. मधुमेह रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों से ऐसे केस ज्यादा सामने आ रहे हैं. अप्रशिक्षित डॉक्टर्स स्टेराइड दे देते हैं. लेकिन मॉनीटरिंग नहीं कर पाते जिससे शुगर लेवल बढ़ रहा है. मरीज की आंख की रोशनी तक जा रही है. मरीज का शुगर लेवल 300 से 400 तक पहुंच रहा है. वे मरीज जिन्हें इसके पहले कभी शुगर नहीं थी, वे भी पीड़ित हो रहे हैं.

बोन डैमेज भी हो रहा
विशेषज्ञ का मानना है कि शुगर लेवल जब बढ़ जाता है तो ये फंगस को निमंत्रण देता है. डायबिटिक मरीज पोस्ट ऑर्गन ट्रांसप्लांट और एचआईवी पीड़ित मरीज रिस्क ग्रुप में माने जाते हैं. यह फंगस साइनस पर अटैक करता है. नाक के अंदर लाइन को डैमेज कर साइनस की बोन को डैमेज करता हुआ आंखों और फिर ब्रेन में चला जाता है.जिससे काफी नुकसान होता है.

ब्लैक फंगस से कैसे बचें
ये फंगस कम ऑक्सीजन में पनपता है. इसलिए नाक से सांस लें.
अपनी बॉडी में शुगर लेवल मेंटेन रखें.
एंटीसेप्टिक जैसे बीटाडीन का सॉल्यूशन बनाकर दो-तीन बूंद नाक में डालते रहें. यह अंदर फंगस के फैलाव को रोक देता है.
शुगर बढ़ रही है तो मॉनिटरिंग करके कंट्रोल करें.

आंख में सूजन हो या दर्द हो तो सलाह लें
साइनस में एयर रहती है. 
फंगस से पस आ जाता है. 
म्यूकर फास्ट स्प्रेडिंग फंगस है. 
शरीर में साइनस के ऊपर ऑर्बिट होता है.उसके अंदर आई-बॉल होती है. 
म्यूकर फैलने के कारण मरीजों की आंख में सूजन तेज दर्द होता है.
आंखों के नीचे वाला हिस्सा जिसे चीक कहते हैं उसमें दर्द शुरू होता है तो इसे गंभीरता से लें. 
सेनसेशन आंखों के मूवमेंट में भी फर्क पड़ता है.
पोस्ट कोविड मरीज में लिंफोसाइट काउंट कम हो जाता है. इससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और मरीज आसानी से सेकंडरी इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं.  अगर यह ब्रेन में पहुंच जाए तो जान पर भारी पड़ता है. 

इलाज कितना लम्बा
इसका इलाज 15 से 20 दिन तक चलता है. एक दिन के इलाज की कीमत 15 से 20 हजार तक आती है. 
डॉक्टर्स का मानना है कि शुरुआती लक्षणों के साथ ही बिना देर किए डॉक्टर के पास पहुँच जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकेगा.

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