जैक मा के भाषण के बाद ही चीन की सरकार ने अलीबाबा ग्रुप पर अपनी नजरें टेढ़ी कर लीं. अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ रिटेल सेक्टर में मोनोपॉली करने का आरोप लग रहा है. जिसकी चीन सरकार द्वारा जांच की जा रही है.
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नई दिल्लीः चीन के मशहूर उद्योगपति और एक समय चीन और एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन रहे जैक मा, बीते दो माह से लापता हैं. जैक मा ने इस दौरान ना सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट की है और ना ही उन्हें सार्वजनिक तौर पर देखा गया है. जैक मा को कुछ टीवी शोज में भी शामिल होना था लेकिन वह उनमें भी शामिल नहीं हुए.
चीन सरकार की आलोचना पड़ी भारी?
बता दें कि जैक मा ने गायब होने से पहले दिए अपने एक भाषण में चीन की कम्यूनिस्ट सरकार की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी. खासकर चीन के बैंकिंग सेक्टर की काफी निंदा की थी. जैक मा ने अपने भाषण में चीन की ब्यूरोक्रेसी पर भी निशाना साधा. माना जा रहा है कि चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी और खास तौर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जैक मा की आलोचना से खुश नहीं हैं. उल्लेखनीय है कि जैक मा ने शंघाई बिजनेस कांफ्रेंस में सरकार की आलोचना करने वाला जो भाषण दिया था, उस कांफ्रेस में चीन के उपराष्ट्रपति वांग किशान समेत कई बड़े राजनेता भी मौजूद थे.
अलीबाबा ग्रुप पर कसा चीन की सरकार का शिकंजा
जैक मा के भाषण के बाद ही चीन की सरकार ने अलीबाबा ग्रुप पर अपनी नजरें टेढ़ी कर लीं. अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ रिटेल सेक्टर में मोनोपॉली करने का आरोप लग रहा है. जिसकी चीन सरकार द्वारा जांच की जा रही है. इसके अलावा जैक मा के नेतृत्व वाले अलीबाबा ग्रुप की एक कंपनी एंट का आईपीओ आने वाला था लेकिन चीन सरकार ने उस पर भी रोक लगा दी है. एंट के इस आईपीओ को अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बताया जा रहा था.
कौन हैं जैक मा
जैक मा का जन्म 1964 में चीन के हांगझोऊ शहर में हुआ था. मा की शुरू से ही इंग्लिश भाषा सीखने में दिलचस्पी थी. जिसके चलते जैक मा ने पहले इंग्लिश सीखी और फिर होंगझोऊ आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए गाइड का काम भी किया. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, जैक मा को 30 से ज्यादा नौकरियों में रिजेक्शन झेलना पड़ा. इसके बाद जैक मा एक स्थानीय यूनिवर्सिटी में इंग्लिश भाषा सिखाने लगे.
जैक मा साल 1995 में अमेरिका के दौरे पर गए, जिसके बाद उन्हें पहली बार इंटरनेट के बारे में पता चला. जैक मा ने चीन वापस लौटकर एक वेबसाइट बनायी लेकिन वह सफल नहीं रही. साल 1999 में जैक मा ने अपनी पत्नी और कुछ दोस्तों के साथ मिलकर अलीबाबा ग्रुप की शुरुआत की. साल 2000 में जैक मा के ग्रुप को 25 मिलियन डॉलर का भारी-भरकम निवेश मिला. जहां से जैक मा की सफलता की कहानी शुरू हुई.
चीन के ई-कॉमर्स सेक्टर पर जैक मा की कंपनी अलीबाबा का दबदबा है. अब उनकी कंपनी क्लाउट कंप्यूटिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग, मूवी प्रोडक्शन, हेल्थकेयर, स्पोर्ट्स आदि क्षेत्रों में भी बिजनेस कर रही है. साल 2016 में जैक मा एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन बन गए थे. अब चीन सरकार की कार्रवाई के बाद जैक मा की कंपनी के शेयरों में गिरावट आयी है. हालांकि अभी भी उनकी संपत्ति करीब 50 अरब डॉलर है.
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