Expert Comment On Congress Politics: इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध की स्थिती बनी हुई है. भारत में सियासी दल उनके समर्थन और विरोध के लिए दो हिस्सो में बट गए हैं. इस बीच कांग्रेस की बैठक में एक प्रस्ताव पास होता है जो देश के सबसे पुराने सियासी पार्टी की राजनीति पर सवाल खड़ा कर रहा है. पढ़िए इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार, सुभाष चंद्र की एक्सपर्ट कमेंट क्या कहता है.
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Expert Comment On Congress Politics: राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के विगत 40 वर्षों की बात करें तो कांग्रेस पार्टी की अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति एवं रणनीति के इतिहास में कई इस तरह की नीतियां सामने आती है. हमेशा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को कमजोर करने की राजनीति की है. यही वजह है कि 50 वर्षों तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान एक कमजोर और पिछड़े हुए देश के रूप में दिखाई दी. वहीं दूसरी और अगर पिछले 9 वर्षों का इतिहास देखें तो भारत एक अंतर्राष्ट्रीय एवं आर्थिक शक्ति बनकर उभरा है। भारत ने अपनी राष्ट्रीय रणनीति एवं कूटनीति के साथ-साथ विदेश नीति में बड़ा परिवर्तन किया है.
कांग्रेस की मजबूरी हो या मनोवृत्ति
कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं होने के बाद भी आज भी इसी रणनीति एवं राजनीति से काम कर रही है जिस मानसिकता के साथ वह पिछले 50 सालों से काम कर रही थी. इसका जीवंत उदाहरण पिछले चार दिवस के अंतराल में इजराइल एवं हमास आतंकवादियों द्वारा फिलिस्तीन के संबंध में हुए आतंकवादी हमले को लेकर कांग्रेस पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक में जारी हुए स्टेटमेंट के अंतर्गत सामने आ गया है. यह कांग्रेस की मजबूरी हो या मनोवृत्ति, लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी का रुख हमेशा आतंकवादी प्रवृत्तियों के साथ समर्पण का रहा है.
फिलिस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव
सोमवार को कांग्रेस आतंकवादियों के सियासी चेहरे के रूप में नजर आई. जैसे ही इजरायल ने हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू की और फिलिस्तीन में जान-माल का नुकसान होने लगा. कांग्रेस भी परेशान हो उठी. कांग्रेस फिलिस्तीन के मुस्लिम कट्टरपंथियों के आतंकवादी संगठन हमास के बचाव में उतर आई. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें फिलिस्तीन पर इजरायल के हमलों का जिक्र था. लेकिन, इजरायल में एक हजार से अधिक लोगों के मौत के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन हमास का जिक्र नहीं था.
हमास के हमले का मौन समर्थन
कांग्रेस के प्रस्ताव में इजरायल पर हमास के हमले का मौन समर्थन किया गया. फिलिस्तीनी लोगों की जमीन, स्वशासन और आत्मसम्मान एवं गरिमा के साथ जीवन के अधिकारों के लिए दीर्घकालिक समर्थन की बात कही गई. इजरायल के प्रकोप से हमास और फिलिस्तीन को बचाने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति तुरंत युद्धविराम और वर्तमान संघर्ष को जन्म देने वाले अपरिहार्य मुद्दों सहित सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत का राग अलापने लगी.
बीजेपी हुई हमलावर
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पार्टी को आतंकवादियों का समर्थक एवं राष्ट्र विरोधी करार देते केवल राजनीति के कारण देश के विरुद्ध रूख अपनाने का आरोप लगाया.
इजराइल पर आतंकियों के बर्बर हमले से देश की जनता स्तब्ध है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हमले पर दुख व्यक्त किया है और इस संकट की घड़ी में इजराइल के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है. लेकिन, ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस इस मामले में देश के अधिकृत पक्ष से अलग जा रही है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने आतंकियों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया है. कांग्रेस का यह रवैया नया नहीं है, बल्कि कांग्रेस का हाथ हमेशा से आतंकवादियों और नक्सलवादियों के साथ रहा है.
वीडी शर्मा ने बताई कांग्रेस की आदत
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि देश विरोधियों, आतंकवादियों के प्रति हमदर्दी कांग्रेस की पुरानी आदत है. जो देश के लिए खतरनाक हैं, देश पर हमला करते हैं, कांग्रेस उनके लिए प्रेम दिखाती रही है. शर्मा ने कहा कि भारतमाता के टुकड़े करने के नारे लगाने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को राहुल गांधी गले लगाते हैं और उन्हें कांग्रेस में पद दिए जाते हैं. मिस्टर बंटाधार देश को हिंदू आतंकवाद से खतरा बताते हैं और जाकिर नाइक को शांतिदूत कहते हैं. हिंदुओं का विरोध, हिंदू संस्कृति के मानबिंदुओं का विरोध कांग्रेस की आदत रही है.
(डिस्क्लेमर : इस आलेख को सुभाष चंद्र, वरिष्ठ पत्रकार (नई दिल्ली) ने लिखा है. यहां व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)