MP उपचुनाव 2021: पृथ्वीपुर सीट पर कांग्रेस का दबदबा; यादव-कुशवाह 'की-फैक्टर', सिम्पैथी वोट होंगे अहम
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MP उपचुनाव 2021: पृथ्वीपुर सीट पर कांग्रेस का दबदबा; यादव-कुशवाह 'की-फैक्टर', सिम्पैथी वोट होंगे अहम

Madhya Pradesh By Election 2021 Prithvipur Seat: पॉलिटिकल एक्सपर्ट ने कहा, बीजेपी से एक उम्मीदवार नहीं पूरी राज्य सरकार दमखम लगाएगी. वहीं कांग्रेस नेता की जमीनी पकड़ और सिम्पैथी वोट अहम रहने वाले हैं. 

पृथ्वीपुर उपचुनाव 2021

पृथ्वीपुरः MP By Election 2021: मध्य प्रदेश में इस बार चार सीटों पर उपचुनाव (MP By Election) होने वाले हैं. इनमें एक लोकसभा व तीन विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी पूरा दमखम लगा रही हैं. चार सीटों के नतीजों से प्रदेश की सत्ता पलटने का कोई चांस नहीं है, लेकिन इन क्षेत्रों में दोनों ही पार्टियां अपनी स्थिति को और भी मजबूत करने पर फोकस्ड नजर आ रही हैं. इस उपचुनाव से पहले हम लेकर आए हैं चारों सीटों का डिटेल में एनालिसिस. जातिगत समीकरण से लेकर सिम्पैथी वोट तक, यहां जानें पृथ्वीपुर सीट (Prithvipur Seat) की डिटेल्ड रिपोर्ट

सीट का नाम पृथ्वीपुर
मतदाता 2,06,000
पुरुष 1,29,860
महिला  76,240

 

विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख जातियां/उप जातियां
जातियां               -
दलित, ओबीसी, सवर्ण
अनुसूचित जाति   - अहिरवार, कोरी/बुनकर
ओबीसी              - यादव, कुशवाहा, डीमर, लौधी/पटेल/कुर्मी
सवर्ण                 - ब्राह्मण, ठाकुर

पृथ्वीपुर विधानसभा सीट का इतिहास
निवाड़ी विधानसभा सीट का हिस्सा रहे पृथ्वीपुर को 2008 में परिसीमन के बाद विधानसभा सीट बना दिया गया. इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 151 गांव, 56 ग्राम पंचायत और 2 नगर पंचायत हैं. 2 लाख 6 हजार वोटर्स के लिए यहां 242 पॉलिंग बूथ हैं. 2008 से अब तक यहां तीन बार चुनाव हुए, 2008 और 2018 में कांग्रेस और 2013 में बीजेपी ने जीत दर्ज की. हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा है, बीजेपी की एकमात्र जीत सिम्पैथी वोटिंग की वजह से आई थी. 

पूर्व विधायक प्रोफाइल
पृथ्वीपुर सीट पर 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह राठौर ने जीत दर्ज की थी. वह अपने राजनीतिक करियर में पांच बार विधायक रहे और केवल एक ही विधानसभा चुनाव हारे. 1993 में पहली बार निवाड़ी से निर्दलीय विधायक बने, 1998 में निर्दलीय और फिर 2003 में कांग्रेस से निवाड़ी सीट का चुनाव जीता. 2008 और 2018 में उन्होंने कांग्रेस से लड़ते हुए पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव जीता.

दरअसल, निवाड़ी और पृथ्वीपुर सीट 2008 से पहले एक ही थी. ऐसे में बृजेंद्र सिंह राठौर निवाड़ी से लड़ते थे. लेकिन 2008 में हुए परिसमीन में निवाड़ी से अलग पृथ्वीपुर सीट बना दी गई. जिसके बाद राठौर निवाड़ी की जगह पृथ्वीपुर से चुनाव लड़ने लगे क्योंकि यह उनका गृह जनपद था. राठौर ने यहां से दो बार चुनाव जीता. अप्रैल 2021 में कोरोना के कारण उनका निधन हो गया. इसी कारण इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. 

यह भी पढ़ेंः- रैगांव सीट पर दलित मतदाता रहेंगे अहम, जानिए सीट के जातिगत समीकरण और पूरा चुनावी गणित?

सीट पर कौन करता है डॉमिनेट?
पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर जातिगत डॉमिनेशन की बात करें तो यहां यादव, ब्राह्मण और कुशवाहा जाति के वोटर सबसे अधिक हैं, चुनाव के दौरान इन्हीं का दबदबा रहता है. वहीं दलितों में अहिरवार वोटर की संख्या भी अच्छी खासी रहती है, लेकिन चुनाव के दौरान इनका दबदबा यादव, कुशवाहा और ब्राह्मण के मुकाबले कम रहता है. इनके अलावा ठाकुर वर्ग का दबदबा तो उतना नहीं रहता, लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों में बृजेंद्र सिंह राठौर के रूप में ठाकुर उम्मीदवार जीत दर्ज करते आया है. 

राजनीतिक विशेषज्ञ की नजर में पृथ्वीपुर उपचुनाव
टीकमगढ़ जिले से सीनियर जर्नलिस्ट जगदीश तिवारी से जी मीडिया ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. बीजेपी की तरफ से पूर्व विधायक अनीता नायक के देवर गनेशी लाल नायक टिकट के प्रबल दावेदार हैं. जबकि कांग्रेस की तरफ से पूर्व दिवगंत विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र सिंह राठौर का टिकिट तय माना जा रहा है. 2013 से 2018 के विधानसभा क्षेत्र में निष्क्रियता के कारण क्षेत्र की जनता का अनीता नायक और बीजेपी से भरोसा उठा, जिसे गनेशी लाल नायक वापस ला सकते हैं. कार्यकर्ताओं की स्वीकार्यता और क्षेत्र में जमीनी स्तर पर पकड़ उन्हें मजबूत उम्मीदवार बनाती है. साथ ही इस उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ एक उम्मीदवार नहीं बल्कि पूरी राज्य सरकार ही दमखम लगाने वाली है. 

पूर्व विधायक स्व बृजेंद्र सिंह राठौर पर उन्होंने बताया कि क्षेत्र की जनता में उनकी भागीदारी ने कांग्रेस को हॉट फेवरेट बना दिया. उनके बेटे नितेंद्र सिंह भी जमीनी स्तर पर अच्छी खासी पकड़ रखते हैं. उन्हें सिम्पैथी वोट भी जमकर मिलने की संभावना है. हालांकि एक पॉइंट उन्होंने यह भी कहा कि अगर यादव और ब्राह्मण एकजुट होकर चुनाव लड़ें तो पूरे चुनावी समीकरण को ही पलट कर रख सकते हैं.

जातियों का वोट पैटर्न क्या है?
यादव

पृथ्वीपुर विधानसभा सीट पर यादव जाति के 16 फीसदी वोटर अहम रहते हैं. मुद्दों के आधार पर तो नहीं, लेकिन अगर चुनाव में कोई यादव उम्मीदवार खड़ा हुआ तो यादवों के सारे वोट उसे ही जाते हैं, फिर चाहे वो किसी भी पार्टी का क्यों न हो. यादव उम्मीदवार नहीं होने की स्थिति में बृजेंद्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र सिंह को ही यादव वोट मिलने की संभावना है. 

नेता- शिशुपाल यादव, बीजेपी 

कुशवाहा
कुशवाहा जाति के वोटर समय-समय पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को वोट करते आए हैं. चुनाव में इनके 13 फीसदी वोट अहम रहते हैं, क्योंकि पूरा समाज उसी नेता या पार्टी को वोट करता है जिसे इनके समाज के नेता द्वारा चुना जाता है. पिछले चुनावों में सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा का पृथ्वीपुर चुनाव पर अच्छा खासा प्रभाव रहता आया है. 

नेता- तय नहीं, कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दे सकते हैं. 

ब्राह्मण
ब्राह्मण वोटर भी अहम रोल अदा करते आए हैं, पिछले चुनावों में बृजेंद्र सिंह राठौर की क्षेत्रीय पकड़ के कारण ब्राह्मण वोट इन्हें ही मिलते आए हैं. वहीं 2013 चुनाव में ब्राह्मण समाज ने बीजेपी की अनीता नायक को एकमुश्त वोट दिए थे.

नेता -  गनेशी लाल नायक, बीजेपी

अहिरवार
मुद्दों पर आधारित चुनाव हो तो दलितों का रोल अहम रह सकता है. लेकिन पृथ्वीपुर राज्य के उन क्षेत्रों में से एक है, जहां जातिगत आधारों पर ही चुनाव लड़ा जाता रहा है. क्षेत्र में बृजेंद्र सिंह राठौर की अच्छी पकड़ और सिम्पैथी के कारण अहिरवार वोटर भी नितेंद्र सिंह की ओर झुक सकते हैं. 

नेता- कोई नहीं. 

प्रमुख मुद्दे - जातिगत आरक्षण, पानी/सिंचाई, शिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य

जातिगत आरक्षण- पृथ्वीपुर विधानसभा उन इलाकों में से एक है, जहां जातिगत मुद्दों पर चुनाव लड़े जाते हैं. यहां जातिगत आरक्षण एक अहम मुद्दा है. 

सिंचाई/पानी- टीकमगढ़ के ज्यादातर इलाकों की तरह पृथ्वीपुर भी पानी के अभाव से जूझ रहा है. कई सालों तक एक ही विधायक होने के बावजूद, यहां का विकास कहीं नहीं पहुंच सका. किसानों को खेती करने तक के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो सका. 

शिक्षा- पृथ्वीपुर में उच्च शिक्षा तक उपलब्ध नहीं है, छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए जिला मुख्यालय तक जाना पड़ता है. शिक्षक भर्ती तक नहीं हो पा रही है. 

स्वास्थ्य- शिक्षा की ही तरह स्वास्थ्य विभाग की हालत भी खस्ता है, डॉक्टरों का अभाव है. ग्रामीण क्षेत्रों से कई बार इलाज के अभाव में लोगों के दम तोड़ने की खबरें आती हैं. 

बेरोजगारी- इलाके में रोजगार के भी उपयुक्त साधन नहीं है. क्षेत्र के लोगों को मजबूरी में पलायन करना पड़ता है. बेरोजगारी के साथ अपराध भी लगातार बढ़ता जा रहा है. 

पिछले तीन चुनावों के नतीजे
2008

कांग्रेस से चुनाव लड़ते हुए बृजेंद्र सिंह राठौर ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के सुनील नायक को 5,239 वोटों के अंतर से हराया था. 

कितने परसेंट वोट मिले?
कांग्रेस को इस चुनाव में 35.23 फीसदी वोट मिले थे. जबकि बीजेपी ने 29.96 फीसदी वोट जीते थे. 

2013
बीजेपी की अनीता सुनील नायक ने कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह राठौर को 8,627 वोटों के अंतर से हराया था.  

कितने परसेंट वोट मिले?
बीजेपी को इस चुनाव में 38.38 फीसदी और कांग्रेस को 31.91 फीसदी वोट मिले थे. 

2018
2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह राठौर ने अपने नजदीकी उम्मीदवार को 7,620 वोटों के अंतर से हराया था. सपा के शिशुपाल यादव दूसरे स्थान पर रहे थे. वहीं बसपा और बीजेपी क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रही थीं. 

कितने परसेंट वोट मिले?
कांग्रेस को 35.36 फीसदी, सपा को 30.22 फीसदी और बसपा को 20.26 फीसदी वोट मिले थे. जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 7.01 फीसदी वोट मिल सके थे. 

कौन हो सकते हैं उम्मीदवार?

भाजपा
1. गनेशी लाल नायक (अनीता नायक के देवर)
क्षेत्रीय पकड़ मजबूत होने के कारण बीजेपी से सबसे बड़े उम्मीदवार माने जा रहे हैं. राजनीतिक सक्रियता, ब्राह्मण वोट और कार्यकर्ताओं में स्वीकार्यता के कारण बीजेपी इन्हें अपना उम्मीदवार बना सकती है. 

2. डॉ शिशुपाल यादव (प्रदेश बीजेपी कार्यकारिणी सदस्य)
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के जखौरा गांव के रहने वाले नेता. पिछले चुनाव में समाजवादी की ओर से लड़ते हुए दूसरे स्थान पर रहे थे. इस बार बीजेपी का हिस्सा है. यादव वोट साधने के लिए बीजेपी इनकी ओर भी रुख कर सकती है. जमीनी स्तर पर किया इनका काम बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है. 

3. अनीता नायक (पूर्व विधायक पृथ्वीपुर)
भाजपा सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय सुनील नायक की पत्नी हैं. इससे पहले उन्होंने शासकीय स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्य किया, पति सुनील नायक की हत्या के बाद साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से चुनाव लड़कर विधायक बनी थीं. हालांकि क्षेत्र में निष्क्रियता के कारण बीजेपी ने 2018 चुनाव में इन्हें टिकट नहीं दिया था. 

कांग्रेस
1. नितेंद्र सिंह राठौर (स्व. बृजेंद्र सिंह राठौर के पुत्र)

नितेंद्र सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव और पृथ्वीपुर सीट से पूर्व विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर के बेटे हैं. उनके पिता के निधन के बाद ही पृथ्वीपुर सीट पर उपचुनाव करवाए जा रहे हैं. पिता की मौत के बाद संभावना जताई जा रही है कि पृथ्वीपुर की जनता इन्हें सिम्पैथी वोट देकर चुनाव में जीत दिलाएगी. कांग्रेस की ओर से इन्हें टिकट देना लगभग तय माना जा रहा है..

{इनपुट- सत्येंद्र सिंह परमार, निवाड़ी}

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