'Flying Sikh' की अंतिम उड़ान! चंडीगढ़ अस्पताल में ली आखिरी सांस, दुख जताते हुए CM शिवराज ने कही यह बात
Advertisement

'Flying Sikh' की अंतिम उड़ान! चंडीगढ़ अस्पताल में ली आखिरी सांस, दुख जताते हुए CM शिवराज ने कही यह बात

 1959 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया. उनके संघर्ष पर फरहान अख्तर द्वारा अभिनीत 'भाग मिल्खा भाग' फिल्म भी बनी है

मिल्खा सिंह (File Photo)

भोपालः भारतीय खेल जगत के 'फ्लाइंग सिख' मिल्खा सिंह कोरोना से जंग जीतने के बाद जिंदगी से जंग हार गए. चंडीगढ़ के अस्पातल में उन्होंने शुक्रवार देर रात 11.30 बजे आखिरी सांस ली. लीजेंडरी धावक के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई हस्तियों ने दुख जताया. 

PM मोदी और CM शिवराज ने जताया दुख
शुक्रवार देर रात मिल्खा सिंह के निधन की सूचना मिलते ही दुख का माहौल छा गया. PM नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के CM शिवराज ने सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेज उनके निधन पर दुख प्रकट किया. CM शिवराज ने कहा कि देश के लिए अद्भुत प्रदर्शन और करोड़ों के लिए जीत की प्रेरणा देने वाले मिल्खा सिंह हमेशा याद किए जाएंगे. 

 

कुछ दिनों पहले ही पत्नी चल बसी
बताया गया है मई में वो कोरोना से संक्रमित हो गए. उन्हें चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया. करीब 2 हफ्तों तक चले इलाज के बाद जून के शुरुआती दिनों में वो पूरी तरह रिकवर हो गए. इसी दौरान उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण से लड़ते हुए दम तोड़ दिया. 

यह भी पढ़ेंः- कोरोना को लेकर MP से राहत भरी खबर, इन जिलों में नहीं मिला एक भी मरीज

पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके
13 जून को 85 साल की पत्नी के देहांत के बाद मिल्खा सिंह कोविड से तो रिकवर हो गए, लेकिन पोस्ट कोविड परेशानियों के चलते उन्हें ICU में रखा गया. इस दौरान वो अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके. गुरुवार तक उनकी स्थिति नॉर्मल बताई गई, लेकिन शुक्रवार को अचानक उनका ऑक्सीजन स्तर कम हो गया. रात 11.30 बजे 91 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

4 बार एशियन गोल्ड जीता

भारतीय धावकों में सबसे पहले अगर किसी का नाम लिया जाता है तो वो मिल्खा सिंह का ही है. विश्व स्तर पर सबसे बेहतरीन प्रदर्शन उन्होंने 1960 के रोम ओलम्पिक में किया. यहां 400 मीटर रेस में वह चौथे स्थान पर रहे. 1958 कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता. इसके अलावा उन्होंने एशियन गेम्स में 4 बार गोल्ड मेडल भी जीता है. 1959 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया. उनके संघर्ष पर फरहान अख्तर द्वारा अभिनीत 'भाग मिल्खा भाग' फिल्म भी बनी है. 

यह भी पढ़ेंः- 21 जून MP में चलेगा वैक्सीनेशन का महाअभियान, हर दिन इतने लाख डोज लगाने का लक्ष्य

यह भी पढ़ेंः- थाने में पुनर्विवाह! ढोल-नगाड़ों के शोर में बाराती बने पुलिसकर्मी, TI ने दी 500 रुपए की भेंट, जानें पूरा मामला

WATCH LIVE TV

Trending news