OBC Reservation: HC से सरकार और एमपी की आधी आबादी को लगा तगड़ा झटका
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OBC Reservation: HC से सरकार और एमपी की आधी आबादी को लगा तगड़ा झटका

OBC Reservation मध्य प्रदेश की जबलपुर हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का रिजर्वेशन 14 फीसद ही रहेगा. हालांकि मामले में अंतिम सुनवाई 1 सितंबर को होगी. हाई कार्ट ने 27 फीसद ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार रखी थी.

OBC Reservation: HC से सरकार और एमपी की आधी आबादी को लगा तगड़ा झटका

जबलपुर: OBC Reservation मध्य प्रदेश की जबलपुर हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का रिजर्वेशन 14 फीसद ही रहेगा. हालांकि मामले में अंतिम सुनवाई 1 सितंबर को होगी. हाई कार्ट ने 27 फीसद ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार रखी थी. साथ ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण की समस्त भर्तियां विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दी थीं. ओबीसी आरक्षण का अंतरिम आदेश भी मॉडिफाइड भी किया था. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण की संवैधानिकता व 10 फीसदी इकोनॉमिक वीकर सेक्शन, ईडब्ल्यूएस आरक्षण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली समस्त याचिकाओं की एक साथ सुनवाई हुई.

ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation In MP) का अंतरिम आदेश भी मॉडिफाइड भी किया था. अधिवक्ता आदित्य संघी के अनुसार अब विवाद का पटाक्षेप हो गया है. वैसे भी नियमानुसार 50 फीसद से अधिक कुल आरक्षण अवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में पहले ही अपनी व्यवस्था दे चुका है. ऐसे में हाई कोर्ट ने भी मामले का अंतिम निस्तारण कर दिया है.

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हाईकोर्ट में चली लंबी बहस के बाद मुख्य न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने 19 मार्च 2019 व 31 जनवरी 2020 को जारी अंतरिम आदेशों को मॉडिफाइड करते हुए व्यवस्था दी थी कि ओबीसी की समस्त भर्ती प्रक्रिया 14 फीसद आरक्षण के हिसाब से की जाएं और ओबीसी का 13 फीसद आरक्षण रिजर्व रखा जाए. 50 फीसद आरक्षण की अधिकता के बिंदु पर चुनौती देने वाली समस्त 31 याचिकाओं में, ओबीसी के छात्र एवं छात्राओं सहित अपाक्स संगठन ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा ओबीसी एससी एसटी एकता मंच आदि कई सामाजिक संगठनों की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर की गई थी.

अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, उदय कुमार साहू, विष्णु पटेल ने पैरवी की. अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा ईडब्ल्यूएस आरक्षण की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई है. याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम आदेश पारित कर आदेशित किया था कि प्रदेश में की जाने वाली ईडब्ल्यूएस आरक्षण के अंतर्गत समस्त भर्तियां याचिका क्रमांक 20293 के निर्णय के अधीन होंगी, प्रकरणों की आगामी सुनवाई 10 अगस्त को निर्धारित की गई थी. मंगलवार को हुई सुनवाई में ओबीसी के आरक्षण को लेकर कोर्ट ने अपना फैसला बरकरार रखा. अब मामले में अंतिम सुनवाई 1 सितंबर होगी.

राज्य सरकार ने 2011 की जनगणना के मुताबिक़ जिलेवार ओबीसी के आंकड़े पेश किए हैं. इसके मुताबिक़ राज्य में ओबीसी की आबादी 50.09 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी 21.1 प्रतिशत, अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी 16.6 प्रतिशत और आरक्षण न पाने वाले लोगों की आबादी 13.27 प्रतिशत है.

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