कोरोनकाल में मददगार:ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर करेगा आपकी सहायता, खरीदने से पहले ये नियम जरूर जानिये !
Advertisement

कोरोनकाल में मददगार:ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर करेगा आपकी सहायता, खरीदने से पहले ये नियम जरूर जानिये !

देश में कोरोना संक्रमण ने कई घरों में तबाही ला दी है हर कोई बस इसके ख़ात्मे का इंतज़ार कर रहा है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है. कई मरीजों को अस्पताल में बेड भी नहीं मिल रहे.

सांकेतिक फोटो

नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण ने कई घरों में तबाही ला दी है हर कोई बस इसके ख़ात्मे का इंतज़ार कर रहा है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है. कई मरीजों को अस्पताल में बेड भी नहीं मिल रहे. ऐसे में ऑक्सीजन स्तर गिरने की स्थिति में लोग अपने घरों में ही ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर या जनरेटर का इस्तेमाल करने लगे हैं. इन उपकरणों का उपयोग करने के लिए इसकी पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है सही इस्तेमाल ना होने पर मरीज़ की जान पर खतरा बन सकता है. 
 

ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर कैसे काम करता है
हमारे वायुमंडल की हवा से नाइट्रोजन को छानकर ऑक्सीजन को घना करके उसे बढ़ा देने का काम ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर उपकरण करता है. 
वायुमंडल की हवा में लगभग 78% नाइट्रोजन और 21% ऑक्सीजन होती है. यह उपकरण शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन की आपूर्ति में ऑक्सीजन टैंक या सिलेंडर की तरह ही काम करते हैं. 
इसमें भी ऑक्सीजन मास्क या नेसल ट्यूब के जरिए दी जाती है. 
सिलेंडरों को बार-बार भरवाने की की जरूरत पड़ती है, जबकि ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर चौबीसों घंटे सातों दिन काम कर सकते हैं.
 

खरीदने समय किन बातों का ध्यान रखें
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदने से पहले ये पता होना चाहिए कि मरीज को कितनी लीटर ऑक्सीजन की जरूरत है. 
कॉन्सेंट्रेटर की कैपेसिटी आपकी जरूरत से ज्यादा होनी चाहिए. जैसे कि आपको 3.5 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन चाहिए तो आपको 5 लीटर वाला कॉन्सेंट्रेटर खरीदना चाहिए.
हमेशा ऐसा कॉन्सेंट्रेटर खरीदना चाहिए जो ऑक्सीजन प्युरिटी इंडिकेटर (ओपीआई) के साथ आता हो. 
90 % से ज्यादा प्युरिटी के साथ 5 लीटर वाला कॉन्सेंट्रेटर 3 लोगों के छोटे परिवार के लिए सही विकल्प है. इसका मतलब ये नहीं है कि ये एक साथ तीनों के साथ काम आ सकता है.
अगर आपका परिवार बड़ा है तो डबल फ्लो वाला 10 लीटर का जनरेटर ठीक रहेगा. 
कोशिश करें मेडिकल ग्रेड वाला ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदें इनकी क्षमता काफी अच्छी होती है.
 

अहम बात
हल्की क्वालिटी वाले ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर (मान लें पांच लीटर वाला) की सबसे बड़ी खामी ये होती है कि वो एक या दो लीटर प्रतिमिनट तक को ऑक्सीजन की शुद्धता 90 से ऊपर रखते हैं.
अगर आपकी जरूरत 5 लीटर ऑक्सीजन प्रतिमिनट पहुंच गई तो वहां पर उनकी ऑक्सीजन की शुद्धता गिरकर 80 या उससे भी नीचे चली जाती है.
 

कितने तरह के होते हैं कॉन्सेंट्रेटर 
दो तरह के होते हैं- स्टेशनरी और पोर्टेबल.
दोनों ही तरह के उपकरणों में ऑक्सीजन बनाने के लिए रिफिल कराने की जरूरत नहीं होती.
स्टेशनरी कॉन्सेंट्रेटर सीधे बिजली से चलते हैं.
पोर्टेबल कॉन्सेंट्रेटर बैटरी पर भी चल सकता है.
पोर्टेबल कॉन्सेंट्रेटर महंगे होते हैं।
डॉक्टर के अनुसारऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग केवल कोविड-19 के सीमित मामलों में किया जा सकता है. बिना चिकित्सीय मार्गदर्शन के ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग करना उचित नहीं है ये हानिकारक साबित होता है.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में फ़िल्म की शूटिंग होगी आसान: बॉलीवुड को मिला न्योता, 30 दिन में NOC की गारंटी!

WATCH LIVE TV

Trending news