हमारे देश में हर गली नुक्कड़ में खाने पीने की दुकाने होती ही हैं. जहां अलग-अलग प्रकार के व्यंजन खाने को मिलते हैं. हमारे देश में जितने ज्यादा प्रकार की खाने की चीजें हैं, उतने ही अतरंगी यहां की दुकानों के नाम भी हैं.
जिन लोगों के जूते जख्मी हैं और गंभीर हालत में हैं, वे अपने जूतों को इलाज के लिए जख्मी जूतों के अस्पताल ले जा सकते हैं.
लोगों में घमंड होता है, ये तो पता था. लेकिन यहां की लस्सी में भी घमंड है ये बात सोचने वाली है.
हलवाई इंसान होते हैं ये सब ही जानते हैं. लेकिन शायद इस दुकान में मिठाई और पकवान भूत बनाते हैं.
इस चाय की दुकान से तो लगता है इसके मालिक को प्यार में तगड़ा धोखा मिला है.
इस दुकान का मालिक चाय का काफी शौकीन लगता है. शायद इसलिए B-tech के बाद ये दुकान खोली है.
कोई आपको चोर बोले तो समझ आता है. पर कोई खुद को कैसे चोर बोल सकता है.
कोरोना से लोग दूर भागते हैं और इस दुकान के मालिक ने अपनी दुकान का नाम ही कोरोना रख दिया.
लोग अपनी चाय की तारीफ करते हैं और ये जनाब अपनी ही चाय को सबसे खराब बता रहे हैं.
इन जनाब को लगता है बिजनेस में नौकरी से ज्यादा पैसा है, शायद इसलिए इन्होंने इंजीनियरिंग के बाद चाय का ठेला खोल लिया.
इस दुकान का पता लगाना तो बनता ही है. आखिरकार से हिन्दूस्तान की अंतिम दुकान जो है.
ये खुद बता रहे हैं कि ये लोगों को ठगते हैं. लेकिन इनके दुकान के लड्डू खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
ओसामा बिन लादेन तो एक आतंकवादी था. तो ये चाय की दुकान कौन चला रहा था. खैर जो भी है इस दुकान में चाय पीने वालों की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी.
ऐसा नाम रखने वाले के दिमाग और यहां खाना खाने वालों की दाद देनी तो बनती है. ऐसे नाम के साथ प्योर वेज लिखना इस नाम को और मजेदार बनाता है.
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