Ashadha Pradosh Vrat 2024 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं. पहला व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को और दूसरा व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. आइए जानते हैं आषाढ़ मास का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा.
आषाढ़ का महीना शुरू हो चुका है. आषाढ़ माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि आषाढ़ माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रखने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. आइए पंडित सच्चिदानंद त्रिपाठी से जानते हैं पहला प्रदोष व्रत कब है और इसकी पूजा विधि क्या है.
पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास 23 जून से प्रारंभ हो चुका है और 21 जुलाई तक रहेगा. आषाढ़ मास भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा के लिए भी बहुत विशेष माना जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 जुलाई को सुबह 5:02 बजे लग रही है और यह तिथि 4 जुलाई को सुबह 4:45 बजे समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए यह व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ मास में प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और इस व्रत के प्रभाव से सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं. आषाढ़ मास का प्रदोष व्रत सभी प्रकार के रोगों और बाधाओं से मुक्ति दिलाता है.
सबसे पहले प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. साफ कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं. मंदिर में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति रखें और व्रत का संकल्प लें.
शिव गायत्री मंत्र-ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र-माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।। ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
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