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MP में कैसे तैयार हुई थी PM नरेंद्र मोदी की मोरपंख वाली टोपी? जानिए कारीगर ने क्या कहा

PM Modi In Balaghat: लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए बीते दिनों 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालाघाट आए थे. इस दौरान वहां मौजूद महिलाओं ने पीएम मोदी को एक खास टोपी पहनाई थी, जिसने सभा में पहुंचे लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा था. इस टोपी में मोर पंख लगा था, जिसमें एमपी के किसानों और संस्कृति की झलक दिखाई दी थी. आईये जानते हैं, इसके बारे में...

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9 अप्रैल को बालाघाट पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब मंच पर पहुंचे तो वहां मौजूद भाजपा की महिलाओं ने उन्हें एक टोपी पहनाई थी. जिस टोपी में जिले के किसानों और संस्कृति की झलक दिखाई दी थी.

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मूलतः यह टोपी बरसात के दौरान खेतों में परहा लगाने जाने वाली महिलाओं द्वारा बारिश से बचने के लिए पहनी जाती है.  ऐसा कहा जा सकता है कि यह इसका छोटा स्वरूप था. 

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इस टोपी में कृषि प्रधान जिले की पहचान धान और गेंहू की बाली, दीपावली में गोवारी नृत्य के दौरान कावड़ियों की पहनी जाने वाली पोशाक और आदिवासी नृत्य में सिर पर बांधे जाने वाले मोरपंख की झलक दिखाई दे रही थी.

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बताया जाता है कि इस टोपी को बनाने पूरे चार से पांच घंटे लगे थे. जिसे बालाघाट के एक ज्वेलर्स के यहां कारीगारी का काम करने वाले कारीगर ने तैयार किया था.

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25 सालों से ज्वेलर्स के यहां काम कर रहे कारीगर पुरूषोत्तम पाटकर का कहना हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के उसके हाथों से डिजाइन की गई टोपी पहनने से उसकी 25 सालों की मेहनत सफल हो गई. 

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टोपी को सजाने वाले पुरूषोत्तम पाटकर बताते हैं किसी ने उन्हें बांस और पलसे की पत्ते से बनी सादी टोपी लाकर दिया था और कहा कि इस टोपी को प्रधानमंत्री को पहनना हैं, इसे अच्छे से डिजाइन कर दो.

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काफी विचार करने के बाद इस टोपी को धान उत्पादक बालाघाट की पहचान और इसकी संस्कृति पर इसे डिजाइन करने का फैसला करते हुए मैंने टोपी डिजाइन करनी शुरू की.

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पुरूषोत्तम पाटकर ने बताया कि टोपी में मैंने धान और गेंहू की बाली के साथ कौड़ी और भगवा कलर की जरी का उपयोग कर उसके ऊपर मोरपंख लगा दिए. जिसमें उन्हें लगभग चार से पांच घंटा लगा.

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मुझे विश्वास नहीं था कि मेरे द्वारा डिजाइन की गई टोपी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहनेंगे, लेकिन जब यह टोपी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पहने देखा तो लगा कि मेरे 25 सालों की मेहनत सफल हो गई.