निचली अदालत के फैसले से हाईकोर्ट ने जतायी असहमति, जानिए जज से क्यों लिखवाया निबंध?
मौत का झूठा मामला पाए जाने के बाद भी लुधियाना के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत की एक याचिका पर रोक लगा दी. जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लुधियाना के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को सुप्रीम कोर्ट के अग्रिम जमानत से संबंधित 10 आदेश पढ़कर उस पर एक निबंध तैयार करने का निर्देश दिया है.
चंडीगढ़ः पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर लुधियाना जिला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को निबंध लिखने के लिए कहा है. हाईकोर्ट की तरफ से न्यायाधीश को यह आदेश दिया गया है कि वे 30 दिन के अंदर सुप्रीम कोर्ट के अग्रिम जमानत से संबंधित 10 आदेश पढ़कर उस पर एक निबंध तैयार करके उसे चंडीगड़ की न्यायिक अकादमी के निदेशक को सौंपे.
यह है पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला अग्रिम जमानत से जुड़ा हुआ है. मौत का झूठा मामला पाए जाने के बाद भी लुधियाना के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत की एक याचिका पर रोक लगा दी. जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने जमानत की अर्जी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में लगाई, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को निबंध लिखने का निर्देश दिए हैं.
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हत्या से जुड़ा था जमानत याचिका का मामला
मामला 2005 का है. हरदीप सिंह नाम के एक शख्स को पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. बाद में हरदीप की मौत हो गई. उसके पिता नागेंद्र सिंह ने पुलिसकर्मियों पर हरदीप की हत्या का आरोप लगाया था. नागेंद्र सिंह का कहना था कि उनके बेटे को गैर कानूनी तरीके से पुलिस की हिरासत में रखकर उसके साथ मारपीट की गई जिसके चलते उसकी मौत हो गई. इस मामले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी अमरजीत सिंह और उनके दो साथियों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से ही वे जेल में बंद थे.
तालाब में मिला था शव
खास बात यह है कि इस मामले में सबूत के तौर पर तालाब से एक शव भी मिला था. उस वक्त इस शव की पहचान हरदीप सिंह के तौर पर की गई थी. बाद में जांच के दौरान यह शव किसी और का पाया गया. जबकि हरदीप के पिता द्वारा पेश किए गए सभी सबूत भी झूठे निकले. इसके बाद भी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अमरजीत सिंह और उनके दो साथियों की जमानत याचिका खारिज कर दी.
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हाईकोर्ट ने लगाई निचली अदालत को फटकार
हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए लुधियाना की निचली अदालत के जज को फटकार लगाई. हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों पर झूठा मामला दर्ज करवाने के आरोप में हरदीप सिंह के पिता नागेंद्र सिंह पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया. जबकि इस मामले में झूठी गवाही देने वाले एक शख्स पर भी 50 हजार का जुर्माना लगाया गया.
जज नहीं करते अपनी शक्तियों का इस्तेमालः हाईकोर्ट
अग्रिम जमानत याचिका के इस मामले में सारे सबूत झूठे पाए जाने के बाद भी याचिकाकर्ताओं को जमानत न दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने लुधियाना के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के खिलाफ सख्त टिप्पणी भी की. हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया कि ज्यूडिशियल अकादमियों में लगातार प्रशिक्षण दिए जाने के बाद भी न्यायाधीश अपनी शक्तियों का सही इस्तेमाल नहीं करते हैं. जिससे सुप्रीम कोर्ट की विभिन्न व्यवस्थाओं की भी अनदेखी होती है.
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