बीजेपी शासित राज्यों में होनी चाहिए शराबबंदी- पूर्व सीएम ने की जेपी नड्डा से अपील, वजह भी बतायी
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बीजेपी शासित राज्यों में होनी चाहिए शराबबंदी- पूर्व सीएम ने की जेपी नड्डा से अपील, वजह भी बतायी

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लिखा कि मैं तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक अपील करती हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारें हैं उन राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करिए. बिहार में भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार जी को दिये हैं.

उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश( फाइल फोटो)

भोपालः मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी करने की अपील की है. उमा भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'शराब मृत्यु का दूत है पर थोड़े से राजस्व के लालच में शराब माफिया शराबबंदी नहीं होने देते. इसलिए सभी बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी होनी चाहिए'.

शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं
उमा भारती ने एक बाद एक आठ ट्वीट करते हुए शराबबंदी पर अपनी राय दी. उन्होंने लिखा कि 'शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है, शराबबंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है. लेकिन शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं भयावह हैं, जो देश और समाज के लिए कलंक हैं'. उमा भारती ने लिखा कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है, लेकिन बिहार में भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार जी को दिये हैं.

उमा भारती ने लिखा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई, जबकि सड़क दुर्घटनाओं के अधिकतर कारण तो ड्राइवर के शराब पीने की वजह से होते हैं. यह बड़े आश्चर्य की बात है कि शराब मृत्यु का दूत है फिर भी थोड़े से राजस्व का लालच और शराब माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है. अगर देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है, जिस तरह मां की जिम्मेदारी अपने बालक का पोषण करते हुए उसकी रक्षा करने की होती है, लेकिन वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो क्या होगा. सरकारी तंत्र के द्वारा शराब की दुकानें खोलना भी कुछ ऐसा ही ऐसे ही है.

लागू होनी चाहिए शराबबंदी
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि "मैं तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक अपील करती हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारें हैं उन राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करिए. कोरोनाकाल में लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही, इससे यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई, लेकिन शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा. कानून व्यवस्था को मेंटेन करने के लिए हजारों करोड़ रूपये खर्च होते हैं, इसलिए समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराबबंदी एक महत्वपूर्ण कदम है इस पर एक डिबेट शुरू की जा सकती है."

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उमा भारती ने सीएम शिवराज का जताया आभार
वही मध्य प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं बढ़ाए जाने पर उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार भी जताया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है. इसके लिए वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अभिनंदनीय है. प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या बढ़ाए जाने के मुद्दे पर सीएम शिवराज ने कहा था कि शराब दुकानें बढ़ाने के बारे में अभी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. क्योंकि सरकार का पहला कदम शराब माफिया को दफन करना है, इसलिए प्रदेश में माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.

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नरोत्तम मिश्रा ने दिया शराब दुकानें बढ़ाने का सुझाव
दरअसल, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अवैध शराब पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश में शराब की दुकाने बढ़ाने की बात कही थी. नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानें नहीं होने से लोग नकली शराब खरीदते हैं. इसकी वजह से अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. इसलिए उनका तर्क है कि सरकारी शराब की दुकानें खोली जाएं, जिससे लोग नकली शराब खरीदने से बचेंगे और मुरैना की तरह के हादसों पर रोक लगाई जा सकेगी.

हालांकि नरोत्तम मिश्रा ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करने की बात कही थी. वही उनके इस बयान के बाद प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने के मुद्दे पर शिवराज सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया था. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शराब की दुकानें नहीं खोलने की बात कही थी. वही अब उमा भारती के शराबबंदी वाले बयान से एक बार फिर यह मुद्दा गर्माता नजर आ रहा है.

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