बीमार कर्मचारी को देखने बिना सिक्योरिटी के मुंबई से पुणे पहुंचे रतन टाटा, कर्मचारी हैरान
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बीमार कर्मचारी को देखने बिना सिक्योरिटी के मुंबई से पुणे पहुंचे रतन टाटा, कर्मचारी हैरान

रतन टाटा ने अपना यह दौरा पूरी तरह से व्यक्तिगत रखा था. वह सीधे पुणे की उस सोसायटी में पहुंचे जहां उनका पूर्व कर्मचारी रहता है.

कर्मचारी से मुलाकात करते रतन टाटा

पुणे: सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा अपनी सादगी और मानवता के लिए भी जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने एक बार फिर ऐसी ही मानवता की मिसाल पेश की है. वह अपने एक पूर्व कर्मचारी का हाल चाल जानने अचानक उसके घर पहुंच गए जो लंबे समय से बीमार चल रहा था. 

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दरअसल रतन टाटा को अपने ऑफिस स्टाफ से यह पता चला कि उनका यह पूर्व कर्मचारी 2 वर्ष से बीमार है, तो वह खुद को रोक न पाए. मुंबई से पुणे उसे देखने के लिए कार से पहुंच गए. 

पूर्व कर्मचारी को यकीन नहीं हुआ
रतन टाटा ने अपना यह दौरा पूरी तरह से व्यक्तिगत रखा था. वह सीधे पुणे की उस सोसायटी में पहुंचे जहां उनका पूर्व कर्मचारी रहता है. रतन टाटा को अपने घर पाकर कर्मचारी भी हैरान रह गया. उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं  हो रहा था, लेकिन यह बिल्कुल सच था.

बिना किसी सुरक्षा के पहुंचे थे
रतन टाटा रविवार दोपहर 3 बजे के करीब पुणे के कोथरुड में गांधी भवन के नजदीक स्थित वुडलैंड सोसायटी पहुंचे. उनके साथ न स्टाफ था और न ही कोई सुरक्षा. रतन टाटा यहां लगभग आधे घंटे तक रुके.

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कोरोना के वक्त भी टाटा ने दिखाई मानवता
आपको बता दें कि जिस वक्त कोरोना महामारी के चलते लोगों की नौकरियों और रोजगार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, रतन टाटा ने घोषणा की कि उनकी कंपनियों में किसी भी तरह की छंटनी नहीं होगी. इस महामारी के दौरान उद्योग जगत में कर्मचारियों की छंटनी को लेकर रतन टाटा ने कहा था कि कॉरपोरेट वर्ल्ड में हमदर्दी की काफी कमी है. वहीं मुंबई के ताज होटल पर साल 2008 में हुए 26/11 के आतंकी हमले के बाद भी रतन टाटा ने अपने कर्मचारियों की मदद की थी.

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