देश के संविधान की असली कॉपी हिंदी और इंग्लिश में लिखी गई थी. संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने वाली संविधान सभा के सभी सदस्यों ने हिंदी और इंग्लिश, दोनों कॉपियों पर हस्ताक्षर किए थे.
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Republic Day 2021: मंगलवार को देश अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू हुआ. उसके बाद से हर साल हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाते आ रहे हैं. हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान है. जिसमें 395 अनुच्छेद हैं. बहुत से नागरिकों को संविधान के बारे में जानकारी नहीं होती है लेकिन कुछ ऐसे तथ्य हैं, जो देश का नागरिक होने के नाते हमें पता ही होने चाहिए.
संविधान हिंदी और इंग्लिश में लिखा गया
देश के संविधान की असली कॉपी हिंदी और इंग्लिश में लिखी गई थी. संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने वाली संविधान सभा के सभी सदस्यों ने हिंदी और इंग्लिश, दोनों कॉपियों पर हस्ताक्षर किए थे. इंग्लिश वर्जन में लिखे संविधान में कुल 1,17,369 शब्द हैं. हमारा संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान है, जिसमें प्रस्तावना, 22 हिस्सों में 395 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां हैं. संविधान लागू होने के बाद से अब तक इसमें 103 बार संशोधन हुआ है.
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हाथ से लिखा गया संविधान
हमारे देश का पूरा संविधान हाथ से लिखा गया है और इसे टाइप या प्रिंट नहीं किया गया है. प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा देश का संविधान लिखा गया. देहरादून में इसे पब्लिश किया गया. संविधान के प्रत्येक पेज को सजाया गया है. यह सजावट शांतिनिकेतन के राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस ने की. संविधान की मूल प्रति संसद भवन की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे डिब्बे में रखी है.
संविधान में हमे संप्रभु, समाजवादी राष्ट्र घोषित किया गया है
संविधान की प्रस्तावना में देश को संप्रभु, समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र घोषित किया गया. संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के बारे में भी प्रस्तावना में बताया गया है.
इतने दिन का समय लगा था संविधान लिखने में
संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी. आजाद भारत की पहली संसद इसी संविधान सभा को माना जाता है. डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा इस संविधान सभा के पहले अध्यक्ष थे. संविधान को लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था. संविधान का यह ड्राफ्ट चर्चा के लिए संविधान सभा के सामने रखा गया. जिसमें चर्चा के बाद 2000 से ज्यादा संशोधन हुए. उसके बाद फाइनल ड्राफ्ट तैयार हुआ.
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26 नवंबर 1949 को तैयार हो गया था संविधान
देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था. इसके बाद 24 जनवरी 1950 में संविधान सभा के सदस्यों ने संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान पर हस्ताक्षर किए. 26 जनवरी 1950 को देश में कानूनी तौर पर संविधान लागू हो गया. दरअसल 26 जनवरी 1930 में पूर्ण स्वराज की मांग का घोषणापत्र जारी किया गया था. यही वजह रही कि संविधान भी 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. 26 जनवरी 1950 को ही अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह घोषित किया गया.
इन देशों से लिए गए संविधान के अंश
हमारे देश के संविधान में दूसरे देशों के संविधान के कुछ अंश लिए गए हैं. ब्रिटेन के संविधान से संसदीय शासन प्रणाली, एकल नागरिकता और विधि निर्माण प्रक्रिया, विधि का शासन, मंत्रीमंडल प्रणाली, संसदीय विशेषाधिकार और दो सदन प्रणाली ली गई है. फ्रेंच संविधान से आजादी, समानता और बंधुत्व का विचार लिया गया है. रूस, तत्कालीन सोवियत संघ के संविधान से पंचवर्षीय योजना, मौलिक कर्तव्य का विचार लिया गया. विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया को जापान के संविधान से लिया गया है. जर्मनी के संविधान से आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति के मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां, आपातकाल के समय मूल अधिकारों का परिवर्तन का हिस्सा लिया गया है. अमेरिका के संविधान से मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, राष्ट्रपति का निर्वाचन और महाभियोग की प्रक्रिया ली गई है.
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