अब समस्या इस बात की खड़ी हो गयी है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं है. न ही सभी टीकाकरण केंद्र चालू है.
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संजय लोहानी/ सतना: वैक्सीन नहीं तो वेतन नहीं कलेक्टर के आदेश पर सरकारी कर्मचारियों में मचा हड़कंप मच गया है. सरकारी कर्मचारियों को टीकाकरण केंद्रों में वैक्सीन की कमी के चलते न तो वैक्सीन लग रही है. न ही उन्हें वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र मिल रहा है.
आदेश वापस लेने की गुहार
ऐसी स्थित में दुविधा में पड़े सरकारी कर्मचारी इस आदेश को वापस लेने की गुहार लगा रहे है. अगर कलेक्टर का यह आदेश समय से वापस नहीं हुआ तो जिले में टीकाकरण से वंचित हजारों कर्मचारी वेतन से वंचित हो जाएंगे.
कलेक्टर का आदेश
सतना कलेक्टर के इस आदेश के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को जून के वेतन लेने के लिए वेतन बिल के साथ उन्हें वेक्सिनेशन प्रमाणपत्र भी देना पड़ेगा. अब समस्या इस बात की खड़ी हो गयी है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं है. न ही सभी टीकाकरण केंद्र चालू है.
कर्मचारी नेता आदेश के विरुद्ध
ऐसे में शासकीय कर्मचारी वैक्सीन लगवाने के लिए भटकते नजर आ रहे है. जिले में करीब 50 हजार से ज्यादा शासकीय सेवक है जिनमें से अभी अधिकांश लोगों को वैक्सीन नहीं लग सकी है. अब ऐसे में उन्हे जून माह में न तो टीका लग पायेगा न ही उनका वेतन उनको मिल पायेगा. जिले के कर्मचारी नेता शैलेन्द्र त्रिपाठी साथ ही अन्य कर्मचारी नेताओं ने ऐसे आदेश को वापस लेने की अपील की है.
स्वास्थ विभाग को है जानकारी
जिले में वैक्सीन की कमी और टीकाकरण की मंद रफ्तार की जानकारी स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को भी है. CMHO अशोक अवधिया ने बताया कि टीकों की कमी के चलते जिले के अधिकांश सेंटर को बंद रखा गया है.
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