शिवराज के मंत्री की कमलनाथ को दो टूक, मध्य प्रदेश छोड़े, दिल्ली में करें राजनीति
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शिवराज के मंत्री की कमलनाथ को दो टूक, मध्य प्रदेश छोड़े, दिल्ली में करें राजनीति

मध्य प्रदेश में विधानसभा का सत्र समय से पहले समाप्त हो जाने पर बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. 

कमलनाथ और सीएम शिवराज (फाइल फोटो)

भोपालः मध्य प्रदेश में सत्ताधारी दल बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस में तकरार बढ़ती जा रही है. विधानसभा सत्र के दौरान हुए हंगामे के बाद दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर लगातार निशाना साध रहे हैं. अब शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ पर निशाना साधा है. 

कमलनाथ जाए दिल्ली, केंद्र में करें राजनीति
दरअसल, मंत्री भूपेंद्र सिंह नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के उस बयान पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि ''मेरे पास विधानसभा का ज्यादा अनुभव नहीं है.'' जिस पर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ''कमलनाथ को दिल्ली जाना चाहिए और केंद्र में राजनीति करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने आज तक ऐसा गैर जिम्मेदाराना विपक्ष नहीं देखा जो सदन भी नहीं चलने देता. विपक्ष की कोशिश होती है कि विधानसभा ज्यादा से ज्यादा चले, ताकि जनता के मुद्दे उठाए जाए. लेकिन ये ऐसा विपक्ष है, जो ये चाहता है कि विधानसभा ज्यादा न चले.''

कांग्रेस ने समाज बांटने की कोशिश 
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ''मौजूदा समय में कई मुद्दे थे, जिन पर चर्चा हो सकती थी. बाढ़, कोरोना और जहरीली शराब से जुड़े इतने ज्वंलत मुद्दे थे, जो जनता से जुड़े थे, लेकिन कांग्रेस ने इन पर चर्चा नहीं की. यानि कांग्रेस की चर्चा से भा रही है. लेकिन कांग्रेस सिर्फ समाज बांटने में लगी रही. एक दिन आदिवासी के नाम और एक दिन ओबीसी के नाम पर भ्रम फैलाकर हो हल्ला किया और सदन नहीं चलने दिया.''

नेता प्रतिपक्ष की नहीं है विधानसभा में कोई रुचि
भूपेंद्र सिंह ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि ''सदन न चलने का बड़ा कारण यह भी है कि नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की विधानसभा में कोई रुचि नहीं है. उन्होंने स्वयं कहा है कि उन्हें विधानसभा का कोई अनुभव नहीं है. इस कारण से ऐसी स्थिति बनी है. कमलनाथ जी कांग्रेस के बड़े नेता हैं वे दिल्ली जाए और केंद्रीय राजनीति करें. जिससे मध्य प्रदेश में एक अच्छा विपक्ष हो और सदन में जनता के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सकें.''

दरअसल, 9 अगस्त से शुरू हुआ विधानसभा का मानसून सत्र 10 अगस्त को ही समाप्त हो गया. जबकि सत्र 12 अगस्त था. लेकिन विपक्ष के प्रदर्शन के चलते सदन बार-बार स्थगित हुआ और 10 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया. अब दोनों दलों के नेता इसी मुद्दों को लेकर आमने-सामने है. 

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