नई दिल्लीः सन 1863 में आज ही के दिन 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था. जिसे भारत सरकार ने राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया. स्वामी विवेकानंद ने दुनिया भर के देशों में जाकर यहां की संस्कृति और सभ्यता का प्रचार किया था. जिस कारण दुनिया भर में उनके प्रशंसक आज भी मौजूद हैं. उनके प्रेरणादायी वाक्यों ने दुनिया भर के लोगों को प्रोत्साहित किया. ऐसे में आज जानते हैं उनके कुछ प्रभावी कथनों के बारे में, जो करोड़ों युवाओं में आज भी प्रेरणा भर रहे हैं.


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हर बच्चे में राष्ट्र निर्माण में योगदान की झलक देखते थे विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद ने गुरू रामकृष्ण परमहंस से शिक्षा लेकर दुनिया भर के लोगों में आशा की किरण का विकास किया. वह हमेशा से मानते थे कि जब तक इस देश का युवा अपने सुख-शांति को त्याग कर देशहित के कर्मों के लिए आगे नहीं बढ़ेगा, देश का विकास संभव नहीं है. उनके अनुसार राष्ट्र के निर्माण में युवाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा का प्रसार मूल साधन है. धर्म, साहित्य, वेद, पुराण, दर्शनशास्त्र और उपनिषद के ज्ञाता विवेकानंद ने कानून की शिक्षा भी ली थी. आइए जानते हैं उनके 5 प्रेरक कथनों को-


- उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए


- जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो. सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं.


- मेरा विश्वास युवा पीढ़ी, आधुनिक पीढ़ी में है. वे सिंह की भांति सभी समास्याओं से लड़ सकते हैं.


- मेरे साहसी युवाओं, यह विश्वास रखो कि तुम ही सब कुछ हो महान कार्य करने के लिए इस धरती पर आए हो, चाहे वज्र भी गिरे, तो भी निडर हो खड़े हो जाना और कार्य में लग जाना. साहसी बनो.


- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते.


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