सालों से बंद पड़ा है 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने वाला प्लांट, क्या मुश्किल वक्त में होगी शुरूआत!
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सालों से बंद पड़ा है 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने वाला प्लांट, क्या मुश्किल वक्त में होगी शुरूआत!

ग्वालियर के मालनपुर क्षेत्र में सालों से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को फिर से शुरू करने की बात कही जा रही है. 

90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने वाला प्लांट

ग्वालियरः कोरोना संकट के बीच मरीज़ों को सबसे ज्यादा जरूरत ऑक्सीजन की है. ऑक्सीजन न मिलने से कई मरीजों की मौत हो रही है. जबकि ग्वालियर जिले के मालनपुर इंडस्ट्रीज में एक ऐसा बड़ा ऑक्सीजन का प्लांट है जो सालों से बंद पड़ा हुआ है. जिसके बाद  ऐसे में जानकारी मिली की ग्वालियर चंबल संभाग में ऑक्सीजन सप्लाई का प्लांट है जो इस महामारी के इस दौर कोरोना मरीज़ों के काम आ सकता था लेकिन प्रशासन और सरकार की नजर अंदाजी की वजह से आज बंद है. जी मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था कि अगर इस प्लांट को चालू किया जाए तो ऑक्सीजन की अच्छी सप्लाई हो सकती है. 

खबर दिखाए जाने के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. अब सभी राजनीतिक दलों के नेता इस प्लांट को शुरू कराने के लिए सक्रिय हो गए हैं. मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री और ग्वालियर के कोविड प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि उन्हें भी जानकारी लगी है कि पास के ही इंडस्ट्रियल एरिया मालनपुर में एक ऑक्सीजन का प्लांट बंद पड़ा है. उसे चालू कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह प्लांट का निरीक्षण करें और यदि संभव हो तो जल्द से जल्द उसे शुरू किया जाए.

पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी किया ट्वीट 
वहीं मालनपुर क्षेत्र में बंद पड़े इस ऑक्सीजन प्लांट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट किया है. कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि  यह कंपनी वर्तमान में प्रदेश सरकार के स्वामित्व में है.यदि सरकार पहल कर यहां फिर से ऑक्सीजन का उत्पादन प्रारंभ करे तो वर्तमान संकट काल में इससे लगा ग्वालियर चंबल क्षेत्र ऑक्सीजन की आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भर बन सकता है. इसलिए सरकार को इस प्लांट को शुरू करने की तरफ ध्यान देना चाहिए. 

कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर कंसा तंज 
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. आरपी सिंह का कहना है कि यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन इस प्लांट को शुरू करने में रूची दिखाता है तो ग्वालियर चंबल के मरीजों को ऑक्सीजन के लिए दूसरे राज्यों पर डिपेंड नहीं रहना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मुझे स्थानीय लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह प्लांट 90 मीट्रिक ऑक्सीजन प्रतिदिन उत्पादित करता था और यह कंपनी वर्तमान में प्रदेश सरकार के स्वामित्व में है. ऐसे में इस प्लांट को जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए. 

कहां है यह ऑक्सीजन प्लांट 
यह ऑक्सीजन प्लांट एशिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी एमपी आयरन में मौजूद है और 1998 से बंद पड़ा हुआ है. यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन इस ऑक्सीजन प्लांट को रीस्टार्ट करने की दिशा में काम करता है, तो आने वाले समय में ग्वालियर चंबल संभाग के लोगों के लिए यह संजीवनी का काम कर सकता है. क्योंकि कोरोना काल में सबसे ज्यादा जरूरत ऑक्सीजन की पड़ रही है. इस प्लांट को सरकार फिर से संचालित कर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को काफी हद तक कम कर सकती है.

प्लांट से कितना फायदा 
अगर यह प्लांट दोबारा से शुरू होता है तो तो हर दिन यहां से हर दिन 90 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकता है. अगर सरकार और जिला प्रशासन इस ऑक्सीजन प्लांट को फिर से स्टार्ट करती हैं, तो यह ग्वालियर चंबल अंचल के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऑक्सीजन सप्लाई का बड़ा माध्यम हो सकता है. इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो रही है.

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