Z प्लस सिक्योरिटी क्यों होती है खास? जानिए क्या होता है Z से Y श्रेणी की सुरक्षा का मतलब
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Z प्लस सिक्योरिटी क्यों होती है खास? जानिए क्या होता है Z से Y श्रेणी की सुरक्षा का मतलब

राजनेताओं और बड़े अधिकारियों की सेफटी को देखते हुए 4 तरह की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है. जिनमें  X, Y, Z और Z प्लस कैटेगरी होती है. इनमें सबसे बड़ी सुरक्षा  Z प्लस होती है. यह ज्यादातर केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, न्यायाधीश, मशहूर राजनेता व बड़े ब्यूरोक्रेट्स को दी जाती है. इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं.

जे़ड प्लस सिक्योरिटी

नई दिल्ली: सभी ने अकसर ज़ेड प्लस सिक्योरिटी शब्द सुना होगा, खासकर किसी नेता या राजनेता के दौरे के समय सरकार की ओर से उनकी सुरक्षा चाक-चौबंद की जाती है. उस वक्त एक्स, वाई, जे़ड और ज़ेड प्लस सिक्योरिटी के साथ उन्हें रखा जाता है, लेकिन क्या किसी को पता है इनका मतलब क्या है. इन सिक्योरिटी में क्या इंतजाम किए जाते हैं.

बता दें कि राजनेताओं और बड़े अधिकारियों की सेफटी को देखते हुए 4 तरह की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है. जिनमें  X, Y, Z और Z प्लस कैटेगरी होती है. इनमें सबसे बड़ी सुरक्षा  Z प्लस होती है. यह ज्यादातर केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, न्यायाधीश, मशहूर राजनेता व बड़े ब्यूरोक्रेट्स को दी जाती है. इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं.

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हम आपको इन सभी सिक्योरिटी के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे आपको पता लग सके कि यह 4 कैटेगरी को किस तरह बांटा गया है. आइये जानें क्या होता है इनका मतलब.

1. X कैटेगरी सिक्योरिटी
सबसे पहले हम आपको X सिक्योरिटी के बारे में बताते हैं. यह एक बेसिक प्रोटेक्शन जो छोटे नेताओं या अभिनेताओं को भी दी जा सकती है. X सिक्योरिटी में केवल दो सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें कंमाडो शामिल नहीं होता है. इसमें पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर भी शामिल हो सकता है. देश के 65 से ज्यादा लोगों को इस कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है.

2. Y कैटेगरी सिक्योरिटी
Y कैटेगरी सिक्योरिटी वीआईपी लोगों को दी जाती है. उनकी सुरक्षा के लिए 11 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, जिसमें 1 या कभी-कभी 2 कंमाडो और 2 पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर शामिल होते हैं.

3. Z कैटेगरी सिक्योरिटी
Z कैटेगरी सिक्योरिटी सेफ्टी को बढ़ाने के लिए दी जाती है, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी द्वारा गार्ड किया जाता है. इसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के 4 या 5 कमांडर भी शामिल किए जाते हैं. यह सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ मुहैया कराती है. इस कैटेगरी की सुरक्षा में एस्कॉर्ट कार भी होती है. इसमें तैनात कमांडोज के पास सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों (modern means of communication) रहते हैं. इस कैटेगरी में तैनात किए गए कमांडोज मार्शल ऑर्ट सीखे हुए होते हैं जो बिना हथियार के भी लड़ने का हुनर रखते हैं.

4. Z + सिक्योरिटी
Z + सिक्योरिटी ज्यादातर केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायाधीश, मशहूर राजनेता व बड़े ब्यूरोक्रेट्स को मुहैया कराई जाती है. जिसमें 36 सुरक्षाकर्मी सेवा में तैनात किए जाते हैं. जिनमें एनएसजी के 10 कमांडोज भी शामिल हैं. इन कमांडोज को अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात किया जाता है. इसमें तीन घेरे में सुरक्षा की जाती है. पहले घेरे में एनएसजी सुरक्षा में लगाए जाते हैं, इसके बाद एसपीजी के अधिकारी तैनात किए जाते हैं और इसके साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में लगाए जाते हैं.

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