दोनों छात्राओं ने पढ़ाई का खर्चा खुद उठाने के लिए ग्वालियर के चेतकपुरी इलाके में फूड स्टॉल लगाना शुरू किया है.
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शैलेंद्र सिंह/ग्वालियर: कहते हैं मन में अगर कुछ कर दिखाने की चाह हो तो हर परिस्थितियां से पार पाया जा सकता है. अपने सपनों को हासिल करने की जुगत में लगी ऐसी ही दो छात्राओं के बारे में हम आपको बताते हैं. जो महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण हैं.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) की रहने वाली सुरभि और ज्योति कॉलेज में पढ़ रही हैं और साथ-साथ कॉम्पटीशन की भी तैयारी कर रही हैं. दोनों छात्राओं ने पढ़ाई का खर्चा खुद उठाने के लिए ग्वालियर के चेतकपुरी इलाके में फूड स्टॉल लगाना शुरू किया है.
सुरभि और ज्योति ने अपनी पढ़ाई और साइड बिजनेस के बीच बढ़िया तालमेल बनाया है. दिन के वक्त दोनों कॉलेज और कोचिंग पढ़ाई करने जाती हैं और शाम ढलते ही ई-रिक्शा पर बने फूड स्टॉल को लेकर चेतकपुरी चौराहे पहुंच जाती हैं. दोनों छात्राएं फिलहाल MPPSC की तैयारी कर रही हैं और चाहती हैं कि प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर देश की सेवा करें.
छात्राओं ने बताया कि उनका परिवार उनकी पढ़ाई में मदद करता है, लेकिन आर्थिक हालात थोड़े ठीक नहीं हैं. इसलिए बेहतर पढ़ाई और अधिक पैसों की आवश्यकता थी. ऐसे में कुकिंग को एक साधान बनाकर फूड स्टॉल लगाने का मन बनाया. इस दौरान छात्राओं ने खाना पहले घर पर बनाया और अपने दोस्तों को चखाया. जब दोस्तों ने उनके बनाए फास्ट फूड की तारीफ की, तो उन्होंने मार्केट में उतरकर फूड स्टॉल लगाया.
दोनों छात्राएं चेतकपुरी चौराहे पर रात 10बजे तक अपना फूड स्टॉल चलाती हैं. छात्राएं बताती हैं, अच्छी खासी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और उनके द्वारा तैयार किए खाने का लुफ्त उठाते हैं. वहीं, स्टॉल पर पहुंच रहे ग्राहक भी लड़कियों के इस कार्य की सराहना करते हैं.
इसके साथ ही ग्राहकों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि लड़कियों को स्टॉल लगाने के लिए एक बेहतर स्थान उपलब्ध कराया जाए. क्योंकि, अभी जिस इलाके में छात्राएं अपना फूड स्टॉल लगा रही हैं वो थोड़ा सुनसान और अंधेरे वाला इलाका है. और यही कारण है कि स्टॉल पर छात्राओं के परिजन भी खड़े रहते हैं.
बता दें कि ज्योति और सुरभि द्वारा लगाए गए फूड स्टॉल पर जिले के एसपी खुद पहुंचे और उन्होंने लड़कियों को पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराने का भरोसा भी दिया. साथ ही उनका कहना है कि दोनों छात्राएं सभी लड़कियों के लिए मिसाल हैं कि विपरीत परिस्थितियां होते हुए भी वह अपने बेहतर कल के लिए इस तरह के काम कर सकती हैं. पुलिस हमेशा ऐसी लड़कियों के साथ खड़ी है.