सावन के आखिरी सोमवार को महाकाल मंदिर में की गई विशेष पूजा, घर बैठे करें दर्शन
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सावन के आखिरी सोमवार को महाकाल मंदिर में की गई विशेष पूजा, घर बैठे करें दर्शन

सावन के चौथे व आखरी सोमवार पर विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकाल में जोरो शोरो से पूजा अर्चना की जा रही है. सुबह चार बजे बाबा की विशेष भस्मारती हुई. जिसमें बाबा का महा पंचाभिषेक कर विशेष 1008 बैल पत्रों की माला अर्पित की गई.

बाबा महाकाल की विशेष पूजा

राहुल राठौड़/उज्जैन: सावन के चौथे व आखरी सोमवार पर विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकाल में जोरो शोरो से पूजा अर्चना की जा रही है. सुबह चार बजे बाबा की विशेष भस्मारती हुई. जिसमें बाबा का महा पंचाभिषेक कर विशेष 1008 बैल पत्रों की माला अर्पित की गई. भस्मारती के बाद बाबा का भांग, चंदन, फल, वस्र आदि से अद्भुत श्रृंगार किया गया.

श्रद्धालुओं का लगा तांता
सुबह चार बजे से ही मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया. द्वार खुलते ही बाबा का धाम जयकारो से गूंज उठा. अब ठीक शाम 4 बजे बाबा लाव लश्कर के साथ मंदिर प्रांगण से पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने निकलेंगे. 

श्रद्धालु इतने समय में कर सकेंगे दर्शन
कोरोना के चलते श्रद्धालुओं के प्रवेश पर इस वर्ष भी प्रतिबंध रहेगा. श्रद्धालु सुबह 5 बजे से 1 बजे तक व शाम 7 से 9 बजे तक प्री बुकिंग के माध्यम से ही दर्शन कर पाएंगे. आज 251 द्वारा स:शुल्क दर्शन का काउंटर भी बंद रहेगा.

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सवारी में क्या रहेगा खास 
प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी बाबा महाकाल शासकीय सलामी पश्चात पालकी में सवार होकर ठीक शाम 4 बजे मंदिर प्रांगण से लाव लश्कर के साथ निकलेंगे.  कोरोना काल के कारण विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्राद्धलूओ की सुरक्षा के चलते सवारी मार्ग प्रतिबंधित किये हुए हैं. भक्त सवारी मंदिर के एर व सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव दर्शन करेगें. 

यहां करें लाइव दर्शन
इस http://www.mahakaleshwar.nic.in लिंक पर क्लिक कर वर्चुअल दर्शन कर सकते हैं. सवारी मंदिर के मुख्य द्वार से बड़ा गणेश होती हुई हरसिद्धि की पाल नरसिंह घाट से क्षिप्रा नदी पहुंचेगी. जहां पूजन के बाद रामानुजकोट आश्रम, हरिद्धि द्वार होते हुए शाम 6 बजे तक दोबारा मंदिर लौटेगी. सवारी मार्ग को खास CCTV फूटेज, ड्रोन से कवर किया जाएगा. 

इन बातों का रखा जाएगा ख्याल
सवारी में पुजारी, पंडे व कहार ही शमिल होंगे, जिन्हें सामजिक दूरी व मास्क का विशेष ध्यान रखना होगा.बाबा महाकाल की अभी आगामी भादौ माह की शेष 3 सवारी भी निकाली जाएगी.

मंदिर के पुजारी ने आज के दिन का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि सावन के तीसरे सोमवार पर महापुजन अभिषेक आरती संपन्न किया गया. भगवान महाकाल को 1008 बैल पत्र की माला अर्पण की गई. आज बाबा की सावन के आखरी सोमवार पर नियम अनुसार विशेष आरती पूजन व पंचामृत अभिषेक किया गया है. भांग, फल, वस्त्र चंदन से श्रृंगारित बाबा ने भक्तों को दर्शन दिए. सावन माह बाबा का प्रिय है, शास्त्रों में है कि  भगवान महाकाल सच्चे मन से मांगने वालों की मनोकामना पूरी करते हैं.

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