मध्य प्रदेश में किसानों का अनोखा प्रोटेस्ट, घुटनों के बल चले, पुलिस जवानों के चरणों में बैठे
पुलिस ने जब किसानों को बीच रास्ते में रोकने की कोशिश की तो अन्नदाता गांधीगिरी दिखाते हुए जवानों के चरणों में जा बैठे.
भोपाल: कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हो रहे विरोध प्रदर्शन की गूंज अब मध्य प्रदेश में भी सुनाई देने लगी है. मध्य प्रदेश के किसान भी इन कानूनों को रद्द करने की मांग लेकर धरने पर बैठ गए हैं. भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे से रैली निकालकर धरना प्रदर्शन शुरू किया. वे नीलम पार्क में पहुंचकर धरना देना चाहते थे. पुलिस ने जब किसानों को बीच रास्ते में रोकने की कोशिश की तो अन्नदाता गांधीगिरी दिखाते हुए जवानों के चरणों में जा बैठे. कुछ किसान घुटनों के बल चलकर नीलम पार्क पहुंचे.
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कृषि सुधार कानून किसान विरोधी
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी अनिल यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि सुधार कानून किसान विरोधी हैं. इन काले कानूनों के विरोध में बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में लड़ाई लड़ रहे हैं और उनके समर्थन में मध्य प्रदेश के किसानों ने भी धरना प्रदर्शन शुरू किया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि राज्य के किसान कानून के विरोध में नहीं हैं, तो वह भ्रम में है. इन केंद्रीय कानूनों से मध्य प्रदेश के किसान भी प्रभावित हैं.
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8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन किया
भारतीय किसान यूनियन के नुमाइंदे अनिल यादव ने कहा, ''किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को सरकार रद्द करे. मांगें नहीं मानी गईं तो किसान एकजुट होकर भोपाल का घेराव करेंगे. हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन भी किया है.'' केंद्र के जिन तीन कृषि सुधार कानूनों को लेकर किसान आंदोलन चल रहा है उनमें पहला ''कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य संवर्धन एवं सरलीकरण विधेयक 2020'', दूसरा ''कृषि सशक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक 2020'' और तीसरा ''आवश्यक वस्तु संशोधन कानून 2020'' है.
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