इस मामले की जानकारी जैसे ही अन्य वकीलों को लगी तो वह बारी-बारी से थाना परिसर में इकट्ठा होने लगे. इस दौरान अभिभावक संघ के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने भी एसडीएम से निवेदन किया.
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विदिशा/दीपेशः कोरोना संक्रमण के चलते राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है. जिसके पालन के लिए पुलिस और प्रशासनिक अमला दिन-रात जुटा हुआ है. लेकिन इसके बावजूद लोग हैं कि मान ही नहीं रहे हैं. इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस बाहर घूमने वाले लोगों का चालान काट रही है. ऐसी ही चालानी कार्रवाई के दौरान एसडीएम और एडवोकेट के बीच तू तू मैं मैं हो गई. इतना ही नहीं मामला थाने तक पहुंच गया.
क्या है मामला
खबर के अनुसार, वकील मनोज तोमर अपने वाहन से जा रहे थे. तभी एसडीएम राजेश मेहता की नजर उन पर पड़ी और कोरोना कर्फ्यू के बावजूद बाहर घूमने पर चालानी कार्रवाई करने की बात कही. इस पर वकील मनोज तोमर ने एसडीएम से बार बार निवेदन भी किया और अपना परिचय भी दिया. इसके बावजूद एसडीएम कार्रवाई पर अड़े रहे.
इसके बाद मामला इतना बढ़ गया कि एसडीएम ने पुलिसकर्मियों को वकील मनोज तोमर को थाने ले चलने का निर्देश दिया. साथ ही एसडीएम खुद भी इस मामले में रिपोर्ट लिखवाने थाने पहुंच गए. वहीं इस मामले की जानकारी जैसे ही अन्य वकीलों को लगी तो वह बारी-बारी से थाना परिसर में इकट्ठा होने लगे. इस दौरान अभिभावक संघ के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने भी एसडीएम से निवेदन किया लेकिन एसडीएम कार्रवाई की बात पर अड़े रहे.
वहीं मामले की जानकारी जैसे ही एसडीओपी भारत भूषण शर्मा को हुई तो गंभीरता को देखते हुए वह भी मौके पर पहुंच गए. इसके बाद उन्होंने दोनों पक्षों को समझाया और बड़ी मुश्किल से मामले को शांत कराया. जिसके बाद मामला रफा-दफा कर दिया गया. लोगों का कहना है कि इस संकट के समय में जब लोगों की आय का स्त्रोत हर जगह से बंद है तो ऐसे में प्रशासन द्वारा चालानी कार्रवाई करना सही नहीं है.