Rahul Gandhi unhappy with Maharashtra Congress Leaders: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए होने मतदान में अब एक महीने से भी कम समय बचा है और अभी भी राजनीतिक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है. इस बीच खबर है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी के नेताओं से नाराजगी जताई है. इसके साथ ही महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को दिल्‍ली पार्टी मुख्यालय में आयोजित केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक को भी वो बीच में छोड़कर बाहर निकल गए. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं और बैठक के दौरान उन्होंने कांग्रेस की मजबूत पकड़ वाली सीट शिवसेना (यूबीटी) को देने पर नाराजगी जताई.


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सीट बंटवारे में देरी पर भी नाराजगी


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने विधानसभा चुनावों के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के समझौते को अंतिम रूप देने में देरी पर कड़ी नाराजगी जताई. नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि राज्य कांग्रेस के नेता अपनी बात मजबूती से रखने में विफल रहे, जिसकी वजह से कांग्रेस को उम्मीद से कम सीटें मिलीं. विधायक दल के प्रमुख बालासाहेब थोराट को विवाद को सुलझाने के लिए शनिवार को फिर से शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए कहा गया है.


राहुल गांधी महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से नाराज


कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई सीईसी की बैठक में गांधी ने महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत पर नाराजगी जताई. कांग्रेस नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, 'वह राज्य नेतृत्व से नाराज थे, क्योंकि कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल सहयोगियों के हाथों ना सिर्फ ज्यादा सीटें गंवा दी, बल्कि पार्टी ने उन सीटों को भी गंवा दिया जिन पर जीत का भरोसा है.' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी झारखंड पार्टी नेतृत्व से भी इसी तरह नाराज थे.


मुंबई और विदर्भ की सीटों को लेकर विवाद


कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) दोनों ही मुंबई और विदर्भ क्षेत्र की कई सीटों को लेकर आमने-सामने हैं, जिनमें बायकुला, वर्सोवा, नागपुर दक्षिण, रामटेक और धामणगांव रेलवे शामिल हैं. बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने अप्रत्यक्ष रूप से इस बात को स्वीकार किया कि उन्हें फटकार लगाई गई. पटोले ने कहा, 'सीटों के बंटवारे को लेकर तीनों दलों के बीच की उलझन को उन्हें समझाया गया और वे संतुष्ट हैं.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस को योग्यता के आधार पर अधिक सीटें मिलनी चाहिए थीं, खासकर विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र और मुंबई में, उन्होंने संकेत दिया कि वे सभी राज्य में सीट बंटवारे की बातचीत से नाखुश थे.


बैठक छोड़कर क्यों चले गए राहुल गांधी?


कुछ रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी शुक्रवार को आयोजित सीईसी की बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए. इसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या राहुल गांधी नाराज होकर बैठक छोड़कर चले गए. हालांकि,  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के एक पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि बैठक के दौरान उन्हें एक फोन आया, जिसके बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को इसकी जानकारी दी और चले गए.


कांग्रेस के ज्यादा सीट जीतने की उम्मीद


राज्य नेतृत्व के खिलाफ राहुल गांधी का यह हमला तीन मुख्य एमवीए सहयोगियों – कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) द्वारा यह घोषणा करने के दो दिन बाद आया है कि वे प्रत्येक 85 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि शेष 33 सीटों पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. कांग्रेस को उम्मीद है कि वह एमवीए सहयोगियों के बीच अधिकतम सीटें जीतेगी, क्योंकि लोकसभा चुनावों में उसका प्रदर्शन शानदार रहा था, जहां उसने 17 सीटों पर चुनाव लड़कर 13 सीटें जीती थीं. बता दें महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सभी सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी.