Maharashtra Crisis Eknath Shinde Posters in Mumbai: मुंबई के मीरारोड पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के पोस्टर लगाए गए हैं. इस पोस्टर में बाल ठाकरे के साथ एकनाथ शिंदे की तस्वीर है. वहीं ठाणे शहर के कई इलाकों में भी शिंदे के समर्थन में लगातार पोस्टर लगते जा रहे हैं. 


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'प्रजा के लोकनाथ एकनाथ'


इन पोस्टरों में लिखा है कि प्रजा के लोकनाथ एकनाथ. हिंदू हृदय सम्राट शिव सेना प्रमुख श्री बालासाहेब ठाकरे के हिंदू समर्थक विचारों को आत्मसात करना और धर्मवीर आनंद दिघे साहब की शिक्षाओं को आगे बढ़ाना. एकनाथजी शिंदे साहब को ढेर सारी शुभकामनाएं. ऐसे में सभी की निगाहें अब एकनाथ शिंदे के अगले कदम पर लगी हुई हैं.


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क्या मेरे चेहरे पर कोई शिकन है: संजय राउत


टूटते कुनबे के बीच शिवसेना ने पार्टी की मजबूती का दावा किया है. आज राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक क्यों गए इसका खुलासा जल्द होगा. यानी साफ है कि संजय राउत ने स्वीकार किया है कि कई विधायक उन्हें छोड़कर गए हैं. हालांकि मीडिया से बात करते हुए राउत ने कहा, 'उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है. सिर्फ बात कहने भर से कुछ नहीं होता अगर आप बाला साहेब को मानते हैं तो फिर ऐसा नहीं कर सकते हैं. अगर फ्लोर टेस्ट होगा तो पता चल जाएगा कि कौन किसके साथ है और ये सब कुछ, क्यों और कैसे हालातों के बीच हुआ.'


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पूरी शिवसेना अब एकनाथ की!


सुत्रो के मुताबिक उद्घव ठाकरे के साथ सिर्फ मुंबई के विधायक हैं. इस छोटी सी सूची में उनके बेटे आदित्य ठाकरे समेत रवींद्र वायकरस, सुनील प्रभू, रमेश कोरगावकर और संजय पोतनीस का नाम शामिल है. उधर खबर ये भी है कि विधायक भास्कर जाधव भी एकनाथ शिंदे के संपर्क मे हैं. इस बीच शिवसेना के दो और विधायकों के गुवाहाटी पहुंचने की खबर है. दरअसल शिवसेना के कई सांसद भी एकनाथ शिंदे के साथ बताए जा रहे हैं ऐसे में कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के हाथ से शिवसेना की पकड़ ढीली ही नहीं बल्कि पूरी तरह छूट गई है.


संजय राउत का विरोध बढ़ा


इस बीच लगातार संजय राउत का विरोध भी बढ़ता जा रहा है. इसी सिलसिले में कल मुंबई में संजय राउत के खिलाफ पोस्टरबाजी हुई थी. जिसमें लिखा था कि तुम्हारी बादशाहत तो 4 दिन की है और हमारा रुतबा खानदानी है.


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उद्धव का इमोशनल कार्ड


करीब 20 साल पहले शिवसेना में ऐसी उथलपुथल मची थी. तब शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने सार्वजनिक रूप से पार्टी का पद छोड़ने और सारे संबंध तोड़ने की बात कही थी. आज बाला साहेब के बेटे उद्धव ठाकरे भी अपने पिता की राह पर चलकर उसी तरह सामने आए और कहा कि शिवसैनिकों के कहने पर वह इस्तीफा दे देंगे.


गौरतलब है कि जुलाई 1992 में बाला ठाकरे ने सामना में लिखा था, 'अगर एक भी शिवसैनिक मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ खड़ा हो और कहता है कि मैंने आपकी वजह से शिवसेना छोड़ी या आपने हमें चोट पहुंचाई, तो मैं एक पल के लिए भी शिवसेना प्रमुख के रूप में बने रहने के लिए तैयार नहीं हूं.' अब उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने भी वही दांव खेला है.