नई दिल्ली: भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी हरदीप सिंह पुरी को मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बनाया गया है. चुनाव हारने के बावजूद दोबारा मोदी सरकार में अपना स्थान सुरक्षित रखने वाले पुरी, एकमात्र बीजेपी नेता हैं. पुरी को लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में पंजाब के अमृतसर संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया लेकिन वह चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुए. उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार गुरजीत औजला ने लगभग एक लाख वोट से पराजित किया. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में पूर्व दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को शामिल नहीं किया गया है. 


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पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं. उनको बहुजन समाज पार्टी के अफजाल अंसारी ने शिकस्त दी. लोकसभा चुनाव में सिन्हा को 4.46 लाख मत मिले जबकि अंसारी को 5.66 लाख मत मिले. सिन्हा को 2016 में रविशंकर प्रसाद से दूरसंचार मंत्रालय लेकर सौंपा गया था. 


पुरी राज्य मंत्री बनाए गए
पिछली सरकार में पुरी आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए भी उन्होंने गुरुवार को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की. विदेश सेवा के 1974 बैच के अधिकारी रहे पुरी का जन्म 15 फरवरी 1952 को हुआ. वह बतौर राजनयिक विदेशों में अहम पदों पर कार्यरत रहे. उन्होंने 2009 से 2013 तक संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थाई प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया. 


पुरी को हर बेघर को आवास मुहैया कराने, स्मार्ट सिटी परियोजना और शहरी क्षेत्रों में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ जैसी मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को कामयाबीपूर्वक आगे बढ़ाने के पुरस्कार स्वरूप दोबारा मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है. मोदी सरकार में 2017 में शामिल किये गये पुरी उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सदस्य हैं. पुरी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में भाजपा की नीतियों की तारीफ करते हुये जनवरी 2014 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. राष्ट्रीय सुरक्षा एवं आतंकवाद निरोधक मामलों में पुरी को विशेषज्ञता हासिल है. 


वह अगस्त 2011 और नवंबर 2012 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रहे. साथ ही जनवरी 2011 से फरवरी 2013 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति के अध्यक्ष पद का दायित्व भी संभाला. बतौर राजनयिक, कई देशों में भारत के राजदूत रहे पुरी ने विदेश मंत्रालय में भी अहम पदों पर कार्य किया है.