Mayawati on Caste Census: जातीय जनगणना को लेकर संसद में कांग्रेस और भाजपा (BJP) के बीच जमकर तकरार चल रही है. अब इस बहस में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) भी आ गई हैं और उन्होंने कांग्रेस-भाजपा के बीच हुई तकरार को नाटकबाजी और ओबीसी समाज (OBC) को छलने की कोशिश करार दिया है. बता दें कि संसद में मंगलवार को बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) की जातीय जनगणना के मुद्दे पर नोकझोंक हुई.


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जातीय जनगणना पर क्या बोलीं मायावती?


बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने एक्स पर पोस्ट किया, "मंगलवार को संसद में खासकर जाति और जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आदि में जारी तकरार नाटकबाजी और ओबीसी समाज को छलने की कोशिश है, क्योंकि इनके आरक्षण को लेकर दोनों ही पार्टियों का इतिहास खुलेआम और पर्दे के पीछे भी घोर ओबीसी-विरोधी रहा है. इन पर विश्वास करना ठीक नहीं.'


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पूर्व सीएम ने एक और पोस्ट में कहा, 'बीएसपी के प्रयासों से यहां लागू हुई ओबीसी आरक्षण की तरह ही राष्ट्रीय जातीय जनगणना जन हित का एक खास राष्ट्रीय मुद्दा, जिसके प्रति केंद्र को गंभीर होना जरूरी है. देश के विकास में करोड़ों गरीबों-पिछड़ों और बहुजनों का भी हक है, जिसकी पूर्ति में जातीय जनगणना की अहम भूमिका है.'



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संसद में कैसे शुरू हुआ जाति का मुद्दा?


दरअसल, राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा था कि देश का बजट बनाने वालों में दलित और ओबीसी जातियों को शामिल नहीं किया जाता. राहुल गांधी ने हलवा सेरेमनी की फोटो दिखाते हुए सदन में पूछा था कि इसमें पिछड़ी और दलित जातियों के कितने लोग हैं. राहुल गांधी ने जातीय जनगणना कराने की मांग भी की. इसके बाद मंगलवार को भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में भाषण देते हुए कह दिया था कि जिसको जाति का पता नहीं, वो गणना की बात करते हैं. इस बात पर राहुल गांधी बिफर पड़. उन्होंने कहा कि उनका अपमान किया गया है. इसी मुद्दे पर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी कूद पड़े. उन्होंने कहा कि सदन में किसी की जाति कैसे पूछी जा सकती है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)