Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मौजूदा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह को सलाह देते हुए कहा कि वो सुलझे हुए मुद्दों को फिर से खोलने की कोशिश ना करें, क्योंकि इससे सिर्फ भाजपा को फायदा होगा. उन्हें चाहिए कि वो केंद्र को दी गई बिजली परियोजनाएं वापस लेकर आएं.
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Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंदर हाल ही में धारा 370 की बहाली से संबंधित एक प्रस्ताव पास हुआ. इसके बाद केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दावा किया कि सिंधु जल संधि के कारण जम्मू-कश्मीर अपनी जल विद्युत क्षमता का पूरा दोहन नहीं कर पा रहा है. इस पर अब पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि सुलझे हुए मुद्दों को फिर से खोलने से तनाव पैदा होगा और इसका फायदा सीधे भारतीय जनता पार्टी को होगा.
अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संधि केंद्र शासित प्रदेश की विशाल जल विद्युत क्षमता का दोहन करने की क्षमता को बाधित कर रही है और यह मुख्य रूप से भंडारण पाबंदियों के चलते हो रहा है. भारत और पाकिस्तान ने नौ वर्षों की बातचीत के बाद 1960 में सिंधु जल संधि पर दस्तखत किए थे, जिसमें विश्व बैंक भी एक हस्ताक्षरकर्ता था. यह समझौता जम्मू कश्मीर में कई सीमापार नदियों के पानी के इस्तेमाल पर दोनों पक्षों के बीच सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक तंत्र स्थापित करता है.
अब्दुल्ला की टिप्पणी जताते हुए महबूबा ने श्रीनगर में पत्रकारों से कहा,'पिछले 75 वर्षों में जम्मू कश्मीर ने बहुत कुछ झेला है और कई कठिनाइयां देखी हैं. कई लोग मारे गए और संपत्ति तबाह हुई. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण जम्मू कश्मीर को नुकसान उठाना पड़ा. सिंधु जल संधि एकमात्र संधि है जो युद्ध और तनाव के बावजूद कायम रही.' उन्होंने कहा कि हालांकि बात में भी कोई संदेह नहीं है कि संधि के कारण जम्मू कश्मीर को नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन 'पिछले कुछ वर्षों से भाजपा का विमर्श यह रहा है कि वह सिंधु जल संधि को मुद्दा बनाना चाहती है.'
उन्होंने कहा,'उमर (अब्दुल्ला) ने कहा है कि इससे नुकसान हुआ है और हम अधिक बिजली नहीं बना सकते लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि हम जो बिजली बना रहे हैं, वह हमारी है या नहीं. हम कहते हैं कि हम इसलिए नुकसान उठा रहे हैं क्योंकि हम अधिक पानी का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं और ज्यादा बिजली नहीं बना पा रहे हैं. मैं पूछना चाहती हूं कि हम जो बिजली बना रहे हैं, क्या वह हमारी है?' पीडीपी प्रमुख ने कहा कि अब्दुल्ला परिवार ने ही जम्मू कश्मीर की बिजली परियोजनाओं को एनएचपीसी को सौंपा था.
महबूबा मुफ्ती ने कहा,'जब दिवंगत शेख (नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला) मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने सालार परियोजना एनएचपीसी को दे दी थी. जब फारूक (अब्दुल्ला) 1997 में मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने सात बिजली परियोजनाएं एनएचपीसी को सौंप दी थीं.' महबूबा ने कहा कि मुख्यमंत्री को केंद्र से कम से कम दो बिजली परियोजनाओं को वापस मांगने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'जब हमने भाजपा के साथ सरकार बनाई थी, तो उन बिजली परियोजनाओं का उल्लेख हमारे गठबंधन के एजेंडे में था और भाजपा ने उन्हें वापस करने पर सहमति जताई थी.'
महबूबा मुफ्ती आगे कहती हैं कि अगर केंद्र सरकार बिजली परियोजनाएं वापस नहीं करता है तो उसे चाहिए जम्मू-कश्मीर को मुआवजा दे. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा,'जम्मू कश्मीर इकलौता ऐसा राज्य है, जो बिजली पैदा करने के बावजूद अंधेरे में रहता है. हमारी बिजली एनएचपीसी को जाती है, जो फिर हमें वापस बेचती है. इसलिए, हमें सिंधु जल संधि को मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और दोनों देशों के बीच और तनाव पैदा नहीं करना चाहिए, अगर ऐसा होता है तो इसका फायदा सिर्फ भाजपा को ही लाभ होगा.'
इनपुट- भाषा