मेहसाणा जिले में दो दिन पहले की बारिश का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मोढ़ेरा सूर्य मंदिर देखने में ऐसा प्रतीत हो रहा है, मानो सूर्य भगवान को आसमान से देवता जलअर्घ कर रहे हों.
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अहमदाबाद. गुजरात (Gujarat) में पिछले एक सप्ताह से कई जगहों पर लगातार भारी बारिश हो रही है, जिसकी वजह से हालात चिंताजनक हो चुके हैं. कई बांध ओवर फ्लो हो चुके हैं. तो वहीं मेहसाणा जिले (Mehsana District) मे भारी बारीश के बाद मोढ़ेरा सूर्य मंदिर (Modhera Sun Temple) का नजारा देखने लायक हो गया है.
मेहसाणा जिले में दो दिन पहले की बारिश का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मोढ़ेरा सूर्य मंदिर देखने में ऐसा प्रतीत हो रहा है, मानो सूर्य भगवान को आसमान से देवता जल अर्घ्य कर रहे हों. बारिश का पानी सूर्य कुंड में झरनों की तरह गिर रहा है. बारिश के साथ, नया पानी सुर्य कुंड में आ गया.
Modhera’s iconic Sun Temple looks splendid on a rainy day !
Have a look. pic.twitter.com/yYWKRIwlIe
— Narendra Modi (@narendramodi) August 26, 2020
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मोढ़ेरा सूर्य मंदिर के वायरल विडियो को अपने ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले ही अपने आवास पर राष्ट्रीय पक्षी मोर का भी वीडियो सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से देशवासियों के साथ साझा किया था.
मोढ़ेरा सूर्य मंदिर इतिहास
गुजरात के मोढेरा में यह सूर्य मंदिर है, जो सोलंकी वंश के राजाओं ने 10 वीं सदी में बनवाया था. मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के मेहसाना जिले के “मोढेरा” नामक गांव में पुष्पावती नदी के किनारे बनी हुई है. फिलहाल वर्तमान समय में यह भारतीय पुरातत्व विभाग(Archeology department of india) के संरक्षण में है और इस मंदिर में पूजा करना निषिद्ध है.
इस मंदिर परिसर के मुख्य तीन भाग हैं- गूढ़मण्डप (मुख्य मंदिर), सभामण्डप तथा कुण्ड (जलाशय). इसके मण्डपों के बाहरी भाग तथा स्तम्भों पर अत्यन्त सूक्ष्म नक्काशी की गयी है. कुण्ड में सबसे नीचे तक जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी हैं तथा कुछ छोटे-छोटे मंदिर भी हैं.
बता दें कि भारत में आधुनिक युग में सूर्य मंदिर नहीं बने हैं लेकिन 10 वीं 11वीं सदी तक खूब बने हैं. चित्तौड़गढ़ किले में जो मां कालिका का मंदिर है वह भी मूलतः सूर्य मंदिर ही है. मंदिर की दीवारों पर आज भी भगवान सूर्य प्रतिमा स्वरूप में विराजित हैं.
गुजरात के मोढेरा में इस 1000 साल पुराने सूर्य मंदिर की नक्काशी और मंदिर के पत्थरों पर उकेरे गए प्रतिमा को देखकर मन वहीं ठहर जाता है, उस समय और उस कलाकार से मिलने की इक्षा उत्पन्न होती हैं, जिसने इसका निर्माण किया है.