Mount Everest Height: माउंट एवरेस्ट चढ़ना हर पर्वतारोही का सपना होता है. हर साल हजारों पर्वतारोही इसी उम्मीद में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने की प्लानिंग करते हैं. लेकिन जितना आसान लगता है, उतना माउंट एवरेस्ट चढ़ना है नहीं. यहां आपको खतरनाक मौसम और बर्फीली हवाओं का सामना करना पड़ता है और माउंट एवरेस्ट पर ट्रैफिक जाम भी लगने लगा है.


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तस्वीरों और वीडियोज में साफ नजर आ रहा है कि माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप में गंदगी का अंबार लग गया है, जो पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी है. इतना ही नहीं, माउंट एवरेस्ट चढ़ने के दौरान होने वाली मौतें भी बढ़ती जा रही हैं.


पर्वतारोही ने दिखाई एवरेस्ट की सच्चाई


हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट में पर्वतारोही राजन द्विवेदी ने कहा, 'माउंट एवरेस्ट कोई जोक नहीं है. यह बहुत ही गंभीर चढ़ाई है.' 20 मई को उन्होंने यह पोस्ट शेयर की थी, जिसमें वह एक चढ़ाई वाली सिंगल लाइन में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे हैं. उनसे पहले दर्जनों पर्वतारोही चढ़ाई कर रहे हैं. 



उन्होंने लिखा, वीडियो में नजर आ रहा है कि हम एक रस्सी की लाइन में हैं और ऊपर जाने और नीचे आने के दौरान इंटरचेंज में बातचीत करते हैं. 


पोस्ट में द्विवेदी ने आगे कहा कि इसका मुख्य कारण 100-240 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली भयंकर बर्फीली हवाओं से बचने वाली मौसमी खिड़की है.उन्होंने कहा, 'नीचे आना एक डरावने सपने जैसा है. हम बहुत थक गए थे. जबकि काफी ज्यादा पर्वतारोही ऊपर की ओर आ रहे थे, जिससे वेदर विंडो और ज्यादा बड़ी हो रही थी.'


सोशल मीडिया पर कई ऐसी वीडियोज सामने आई हैं, जहां बेस कैंप में गंदगी नजर आई है.


शवों को देखकर डर गए लोग


क्लिप में पर्वतारोही अपने पास से शवों को फिसलते हुए देखकर चिल्लाते हुए भी नजर आ रहे हैं. एक्स पर एक पोस्ट में, नॉर्दर्नर ने लिखा, 'एवरेस्ट; धरती पर सबसे ऊंची, सबसे गंदी और सबसे विवादास्पद जगह। इंसानों ने लाशों को दरकिनार कर दिया, लोगों को मरते हुए छोड़ दिया, मदद के लिए पुकार को नजरअंदाज कर दिया, इसे प्रदूषण और ह्यूमन वेस्ट के साथ सबसे गंदी जगह बना दिया. ये सब कब रुकेगा.'