नई दिल्ली: शारदा चिटफंड घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व केंद्रीय वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम की पत्‍नी नलिनी और उनके कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार (3 अगस्त) को नलिनी चिदंबरम को जारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. सुप्रीम कोर्ट कहा कि फिलहाल गिरफ्तारी न करें. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने ईडी का समन रद्द करने से मना कर दिया था. हाईकोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बतौर गवाह पेशी के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मिले समन को चुनौती देने वाली नलिनी चिदंबरम की याचिका को खारिज कर दिया था. वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत को रद्द करने से इंकार कर दिया. सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. सीबीआई ने कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश से निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर असर पड़ेगा.


ये भी पढ़ें: INX केस में चिदंबरम को दिल्ली HC से राहत बरकरार; अब गिरफ्तारी पर 28 सितंबर तक रोक 


दरअसल, नलिनी चिदंबरम ने अपनी याचिका में कहा था कि जांच के लिए महिलाओं को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उसके निवास स्थान से बाहर नहीं बुलाया जा सकता है. लेकिन, हाईकोर्ट ने उनकी ये दलील अस्वीकार कर दी थी. कोर्ट ने कहा था कि ऐसी छूट अनिवार्य नहीं है. ये धारा किसी भी मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है, लेकिन इस मामले में ये छूट नहीं दी जा सकती.