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नई दिल्ली: आज से देश में सहकारिता सम्मेलन की शुरुआत हो गई. दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर दीप प्रज्ज्वलन कर गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी विधिवत शुरुआत की. इस दौरान इफको के अध्यक्ष बलविंदर सिंह नकई ने स्वागत भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘सहकार से समृद्धिका पैगाम देकर इसकी जिम्मेदारी देश के कुशल और काबिल मंत्री अमित शाह के हाथ में सौंपी है. हम सब सहकार भाई-बहन उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि हम आपके बताए हुए रास्ते पर चलकर देश के किसानों-सहकारों को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाएंगे साथ ही देश को मजबूत करेंगे.'
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कि सहकारिता का ये अभियान रुकना नहीं चाहिए. इसके काम का दायरा बढ़ना चाहिए. सहकार समृद्धि का नया मंत्र है. मिल-जुल कर एक लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करना है. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक 5 ट्रिलियन इकॉनमी वाले देश की क्षमता हासिल करने के लिए सहकारिता बेहद जरूरी है. इसलिए मैं इस मंत्रालय का प्रमुख होने के नाते खुद को गौरवांवित महसूस कर रहा हूं.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'सहकारिता से लाखों परिवार जुड़े हुए हैं. सहकारिता गरीबों और पिछड़ों के विकास के लिए है. सहकारिता भारत के संस्कारों में हैं, सबको साथ लेकर चलना है. इफको ने गरीब क्रांति को एक नई दिशा देने का काम किया. अमूल से 80 किसान जुड़े थे. जो बड़े कार्पोरेट नहीं कर सकते थे वो अमूल ने कर दिखाया. आज 36 लाख किसान अमूल के साथ है. बहुत कम लोगों को पता होगा कि लिज्जत पापड़ भी सहकारी है. अमूल और लिज्जत की सफलता में देश की महिलाओं का योगदान है.'
देश के इतिहास में पहली बार है कि भारत के सभी प्रमुख सहकारी समितियों के प्रतिनिधि दिल्ली में एक ही मंच पर मौजूद हुए. आयोजन नवगठित सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत हुआ. आपको बता दें कि सहकार से समृद्धि के लक्ष्य को रखकर बनाए गए सहकारिता मंत्रालय का ये पहला बड़ा कार्यक्रम और समागम है.
भारत के पहले सहकारिता सम्मेलन के इस भव्य समारोह में इफको, कृभको, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ, अमूल, सहकार भारती समेत पूरे देश के सहकारी परिवारों का संगम हो रहा है. यानी देश के विभिन्न सहकारी क्षेत्रों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में शामिल हैं. आपको बता दें कि दुनिया के 110 देशों की करीब 30 लाख सहकारी संस्थाएं इंटरनेशनल कोऑपरेटिव अलांयस (ग्लोबल) से जुड़ी हुई हैं.